गांव में नहीं है छुआछूत व जातिवाद फिर भी वर्ग विशेष को भड़काकर लगाए जा रहे झूठे आरोप

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अपनी पार्टी को सत्ता में बैठाने, चुनाव में इतने अधिक वाद-विवाद होते हैं कि लोग इस एक पंचवर्षीय चुनाव गुजरने के बाद भी चुनावी रंजिश और वाद विवादों को भुला नहीं पाते। वहीं कई जगह तो यह चुनावी रंजिश कई वर्षों और पीढ़ियों तक देखी जाती है।जिससे ना केवल आपसी भाईचारा खत्म होता है बल्कि आपसी रिश्ते नातों के साथ-साथ हर चुनाव में गांव का माहौल भी खराब होता है।और लगभग हर चुनाव में राजनीति के चक्कर में आपसी भाईचारे का कत्ल होते रहता है।जिसका एक नजरा इन दिनों छत्तीसगढ़ सीमा से लगी तहसील बिरसा के ग्राम पंचायत झामुल में देखने को मिल रहा है। जहां राजनीतिक द्वेष के चलते समाज व गांव के ही एक दो ग्रामीणों द्वारा गांव की विशेष जाती को भड़काकर, विशेष जाती के लोगो से जहा तहाँ झूठी शिकायत दर्ज कराकर ग्रामीण व सामाजिक बन्धुओ को परेशान किया जा रहा हूं।ऐसा आरोप लगाते हुए बिरसा तहसील के ग्राम पंचायत झामुल से आए ग्रामीणों ने बुधवार को एसपी कार्यालय में एक ज्ञापन सौपा है।जिसमें उन्होंने जातिवाद और छुआछूत का झूठा आरोप लगाकर समाज को बदनाम करने वाले और विशेष जाती के लोगो को भड़काकर जहां तहां झूठी व फर्जी शिकायत कराकर गांव का माहौल खराब करने वाले के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।जहां उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से ग्राम झामुल निवासी सुरेंद्र और देवीलाल पांचे पर ग्रामीणों को भड़काने, जगह जगह झूठी शिकायत दर्ज कराकर जातिवाद और छुआछूत की झूठी खबरें प्रसारित कर गांव का माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए।दोनों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

गांव में छुआछूत जैसा कोई मामला ही नहीं है
उक्त मांग को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे ग्राम झामुल के ग्रामीणों ने ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया है की कभी गांव में जातिवाद या छुवाछुत जैसी कोई घटना या मामला सामने नहीं आया है। लेकिन राजनीतिक पार्टी से जुडा हुआ व्यक्ति देवीलाल पांचे द्वारा पिछले कुछ महीनों से गांव में एससी समाज के व्यक्तियो को अनेक प्रकार से बरगलाकर ओबीसी के लोगो पर छुआछुत का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि गाँव मे किसी व्यक्ति द्वारा कभी भी छुवाछूत या भेदभाव किसी भी अन्य समाज के साथ नही किया जाता।फिर भी अनावेदक देवीलाल के द्वारा गांव के अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को भडकाया जा रहा है औऱ उनके द्वारा जबरदस्ती सामाजिक बन्धुओ के विरूद्ध इंट्रोसिटी एक्ट के झूठी शिकायत दर्ज करायी जा रही है। जिससे गाँव के लोगो को परेशान होना पड़ रहा है।वही मीडिया व शोशल मीडिया में जातिवाद और छुआछूत की झूठी खबरें फैलाकर गांव व समाज को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। जिससे उनका गांव में मान सम्मान कम हो गया है। हमारी मांग है कि ज्ञापन का संज्ञान लेकर मामले की जांच कराई जाए वही झूठी शिकायत कर गांव वह समाज को बदनाम करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए ।

समाज व गांव को बदनाम करने वाले व्यक्ति पर की जाए दंडात्मक कार्यवाही- प्रेमलाल साहू
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम झामुन निवासी ग्रामीण प्रेमलाल साहू ने बताया कि गांव में देवीलाल पांचे नामक एक ग्रामीण हैं जिन्होंने हमारे नाम से जहां-तहां झूठी शिकायत है दर्ज करवाई हैं। बिरसा थाना, स्थानीय चौकी, आजाक्स थाना, सहित अन्य जगहों पर हमारे खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत छुआछूत भेदभाव जातिवाद की झूठी शिकायतें दर्ज कराई जा रही है जिससे हम ग्रामीण परेशान हैं ।यह सब राजनीति के चक्कर में हो रहा है जबकि हमारे गांव में आज तक जातिवाद या छुआछूत जैसा कोई मामला सामने नहीं आया और ना ही गांव में ऐसी कोई घटना हुई है और ना ही ऐसी कोई बात है फिर भी एससी समाज के लोगों को भड़काकर उन लोगों से हमारे खिलाफ लगातार शिकायतें दर्ज कराई जा रही है। उनके सभी आरोप झूठे व बुनियाद हैं और इससे गांव का नाम और माहौल दोनों खराब हो रहा है इसीलिए आज हम एसपी कार्यालय में ज्ञापन सौंपने आए हैं हमारी मांग है के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और झूठे आरोप लगाकर समाज व गांव को बदनाम करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए।

ग्रामीण न्याय की गुहार लगाने आए हैं- देवेंद्र बिसेन
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान एडवोकेट देवेंद्र बिसेन ने बताया कि छत्तीसगढ़ बॉर्डर से लगे हुए झामुल गाँव के लोग आए हैं वहां के कुछ लोग इनके ऊपर जातिवाद व छुवाछुत का झूठा आरोप लगा रहे है जिससे ये ग्रामीण परेशान है। इनपर एट्रोसिटी एक्ट के तहत आजाक्स थाना एसपी, स्थानीय थाने व चौकियो में शिकायत कराई गई है जिससे यह लोग परेशान हो चुके हैं जिसके चलते वे आज एसपी कार्यालय में ज्ञापन सौंप कर झूठी शिकायतें करने वालो और समाज व गांव को बदनाम करने वालों के खिलाफ शिकायत की है। ग्रामीणों की मांग है कि मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी निष्पक्ष जांच कारण और संबंधित व्यक्ति पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए ताकि गांव का माहौल पहले की तथा बना रहे। क्योंकि ना तो पहले गांव में छुआछूत या जातिवाद का कोई मामला आया था और ना अब है। बावजूद इसके भी जानबूझकर राजनीति द्वेष के चलते ग्रामीणों को परेशान कर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं जिसकी निष्पक्ष जांच कराकर न्याय दिए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है।

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