शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। उसके चलते ग्राम पंचायतें भी सतर्क हो गई हैं। प्रत्येक पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले लोगों की पहले पुलिस थाने में सूचना दी जाएगी। लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी जांच कराना होगी। इसके बाद यदि उनके घर पर पर्याप्त जगह है तो वहां क्वारंटाइन होना पड़ेगा। यदि नहीं है तो पंचायत द्वारा बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर पर ठहरने की व्यवस्था रहेगी।
जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर पंचायतों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। नरयावली ग्राम पंचायत में ताे बाकायदा बैठक कर मसौदा भी तैयार कर लिया है। हालांकि अभी इस गांव में बाहर से कोई व्यक्ति नहीं आया है, लेकिन नवरात्र की अष्टमी की वजह से लोगों के बाहर से आने की संभावना है। इसीलिए पहले से ही इसकी तैयारी कर ली है।
ग्राम पंचायत के सचिव सुरवेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि ग्राम पंचायत में आने वाले व्यक्ति की तत्काल ही पुलिस थाने में सूचना दी जाएगी। बाहर से आने वाले व्यक्ति को शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य की जांच कराना होगी। उसके बाद उसे क्वारंटाइन होना होगा। यदि उसके घर में ही क्वारंटाइन की पर्याप्त व्यवस्था है तो वह वहां रह सकता है, अन्यथा पंचायत द्वारा बनाए गए क्वांटाइन सेंटर में रुकना पड़ेगा। सात दिवस के पश्चात ही उसे जाने दिया जाएगा।
आपचंद ग्राम पंचायत की सरपंच रश्मि जगदीश श्रीवास्तव का कहना है कि उनके यहां शासकीय स्कूल परिसर को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। गांव में आने वाले व्यक्ति को पहले अपने स्वास्थ्य की जांच कराना होगी। उसके बाद क्वारंटाइन कराया जाएगा।
प्रत्येक गांव में तैयार हुए क्वारंटाइन सेंटर
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रत्येक ग्राम पंचायत के शासकीय भवनों में क्वारंटाइन सेंटर तैयार कर लिए गए हैं। कहीं एक तो कहीं दो जगह यह सेंटर बनाए गए हैं। प्रदेश के नगरों से सहित प्रदेश के बाहर से आने वालों पर यह नियम लागू होगा। स्वास्थ्य की जांच के बाद लोगों को सात दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा।
कोरोना की स्थिति बिगड़ी तो आने लगी घर की याद
महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात सहित अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति पीछले साल की तरह बनते देख लोग अपने घरों की ओर रुख करने लगे हैं। हालांकि स्थिति पिछले साल के जैसे नहीं है, लेकिन लोग आने वाले समय में हालात बिगड़ने के अंदेशा के चलते गांव की ओर रुख कर रहे हैं। नेशनल हाइवे पर ऐसे कुछ वाहन मिले, जिन्में बाहर से आने वाले लोग सवार थे।
उनका कहना है कि महानगरों की वर्तमान स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऐसे में हम घर में रहकर परिवार के भरण-पोषण के लिए कुछ कर तो सकते हैं। बहेरिया मार्ग पर इंदौर से दमोह जिले के पटेरिया गांव जाने वाले युवाओं ने बताया कि इंदौर में बहुत मरीज निकल रहे हैं। वहां लॉकडाउन लंबा होने का अंदेशा है। इसीलिए वापस आ गए। वहीं शाहगढ़ जाने वाले विंदेश्वरी देवी का कहना है कि अपने घर पहुंचकर हम कुछ भी कर सकते हैं। बाहर लॉकडाउन से बहुत ही स्थिति खराब हो जाती है। विंदेश्वरी देवी का कहना है कि पिछले साल वे इंदौर में ही थे। वहां जो हालात देखे, उसी हिसाब से समय रहते अपने घर लौट आए।