गुलाबी गैंग की पूर्व जिला कमांडर व भाजपा नेता निशि पसीने ने ली प्रेस वार्ता

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गत दिनों गुलाबी गैंग की प्रदेश कमांडर पूर्णिमा वर्मा द्वारा बालाघाट आकर आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से लेकर हाईकोर्ट जाने का बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्णिमा वर्मा ने ये उस बयान उस वीडियो को लेकर दिया था जिसे मप्र कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया था और आयोग अध्यक्ष पर कुछ लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में होने का आरोप लगाया था। बुधवार को गुलाबी गैंग की पूर्व जिला कमांडर व भाजपा नेता निशी पशीने ने वार्ता में पूर्णिमा वर्मा को आड़े हाथों लिया और उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। श्रीमती पशीने ने कहा कि गुलाबी गैंग एक सामाजिक संगठन है, जिसका मकसद महिलाओं के साथ पुरुषों के खिलाफ हो रहे अन्याय को दूर करना है। ऐसे संगठन का राजनीति करना या राजनीतिक बयान देना उचित नहीं है। पूर्णिमा वर्मा द्वारा बालाघाट आकर जिले के वरिष्ठ नेता पर आरोप लगाना और एफआईआर कराने की बात करना अशोभनीय है। उन्होंने छिंदवाड़ा में भी वायरल वीडियो को लेकर वार्ता ली थी और उस वीडियो को बहुप्रसारित किया था, जिसमें लड़कियां साफ नजर आ रही है। ऐसे मामलों में युवती या बालिकाओं का चेहरा स्पष्ट दिखाते हुए वीडियो साझा करना गैर कानूनी है,

यदि कांग्रेस में दम है तो वह विकास कार्यों के मुद्दों को लेकर विरोध करें-

निशी पसीने द्वारा वार्ता में यह भी कहा गया कि आज कांग्रेस द्वारा आयोग अध्यक्ष को इस प्रकार के वीडियो डालकर नीचे गिराने का काम किया जा रहा है जो कि संभव नहीं है पर यदि कांग्रेस में दम है तो वह विकास कार्यों के मुद्दों को लेकर विरोध करें किंतु कांग्रेश द्वारा इन सब मुद्दों को लेकर अपनी भूमिका नहीं निभाई जा रही है और वह आए दिन आयोग अध्यक्ष पर ही निशाना सात ते हैं क्योंकि आयोग अध्यक्ष द्वारा छिंदवाड़ा में नगर पालिका के चुनाव में भाजपा को जीत दिलाई है क्योंकि आज तक छिंदवाड़ा में कांग्रेश हारी नहीं थी और कमलनाथ के क्षेत्र में जाकर आयोग गौरीशंकर बिसेन द्वारा भाजपा की जीत कराई गई है जिस कारण कमलनाथ बोखला गए हैं और उनके द्वारा गुलाबी गैंग का उपयोग किया और पूर्णिमा वर्मा के द्वारा छिंदवाड़ा में आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और सभी जगह बच्चियों का वीडियो वायरल किया जबकि बच्चियों का वीडियो डालना कानूनी अपराध है यह बातें पूर्णिमा वर्मा को खुद ही समझना चाहिए था जबकि गुलाबी गैंग एक सामाजिक संस्था है और वह समाज के लिए कार्य करती है ना की राजनीति के लिए

मैं पूर्णिमा वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगी और सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी-

जो पूर्णिमा वर्मा के द्वारा आयोग अध्यक्ष पर यह आरोप लगाए गए हैं कि आयोग अध्यक्ष द्वारा पूर्णिमा वर्मा के घर पर पथराव किया गया है और घर पर पथराव का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसका वह विरोध करती हैं वही आगे उन्होंने आगे कहा की बालिकाओं का भी जो वीडियो वायरल किया गया है उसमे भी बालिकाओं के चेहरा स्पष्ट दिखाते हुए वीडियो साझा करना गैर कानूनी है, जिसके खिलाफ मैं पूर्णिमा वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगी और सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी। पूर्णिमा वर्मा का बालाघाट आकर यहां की राजनीति में हस्तक्षेप करना गलत है। उन्होंने आयोग अध्यक्ष की छवि धूमिल की है साथ ही उन बच्चियाें का वीडियो बहुप्रसारित करके कानून अपने हाथ में लिया है। आगे निशी पसीने द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा गुलाबी गैंग इसलिए छोड़ी गई क्योंकि पूर्णिमा वर्मा के द्वारा छिंदवाड़ा में आकर आयोग अध्यक्ष के विषय में जो प्रेस वार्ता ली गई उस प्रेस वार्ता की उन्हें जानकारी नहीं दी गई और जो घटना बालाघाट में आयोग अध्यक्ष के साथ हुई नहीं हुई इसकी जानकारी उनसे पहले लेना था उसके बाद आयोग अध्यक्ष का वीडियो डालना था उन्होंने बालाघाट की घटना की जानकारी उनसे नही ली

पूर्णिमा वर्मा के द्वारा आयोग अध्यक्ष का के ऊपर टिप्पणी की इसलिये मैंने इस्तीफा दिया है –

इस्तीफा के विषय में उन्होंने बताया की उन्हें बिना जानकारी लिए ही वार्ता ले ली और आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन की छवि धूमिल की गई जबकि उनके द्वारा अधूरा वीडियो ही पेश किया गया था पूरा वीडियो नहीं पेश किया गया जो कि बहुत गलत है जबकि भाऊ का परिवार उनका परिवार है क्योंकि वह भाजपा कांग्रेस पर नहीं जा रहे हैं और वह आयोग अध्यक्ष को अपने पिता के तुल्य मानते हैं वहीं उन्होंने एक शब्द में अपने इस्तीफा देने की वजह स्पष्ट करते हुए कहा कि पूर्णिमा वर्मा के द्वारा आयोग अध्यक्ष का के ऊपर टिप्पणी करना और आयोग अध्यक्ष से संबंधित नाबालिग बच्चियों के वीडियो को वायरल करने की प्रमुख वजह होने के कारण नीति पसीने द्वारा गुलाबी गैंग से इस्तीफा दिया गया है

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