गुस्से में अमिताभ बच्चन पर चला दी थी गोली:तनुजा से फ्लर्ट करने पर पड़ा थप्पड़ तो बंधवा ली राखी

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धरम, तू तो हीरो बन गया यार…ये डायलॉग फिल्मी नहीं है। ना ही किसी ने धर्मेंद्र से ऐसा कहा। ये लाइन धर्मेंद्र की ही हैं, खुद अपने लिए। पंजाब के एक गांव से मुंबई आए ठेठ जाट लड़के से बॉलीवुड के ही-मैन बनने तक का धर्मेंद्र का सफर है ही कुछ ऐसा, जिस पर कभी-कभी खुद उन्हें भी यकीन नहीं होता है। आज धरम पाजी का 87वां जन्मदिन है। जिंदगी के नौवें दशक में भी वो उतने ही एक्टिव और हैंडसम हैं, जैसा जवानी में होते थे। 300 से ज्यादा फिल्में कर चुके धर्मेंद्र के स्ट्रगल के दिन मुफलिसी में गुजरे, लेकिन आज वो कोई 500 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं।बॉलीवुड में धर्मेंद्र की दरियादिली, गुस्सा, रोमांस और एक्शन सब फेमस है। फिल्मों से जुड़े किस्से, दिल्लगी और दिलफेंक अंदाज की कहानियां और गुस्से में फूट पड़ने वाले मौके। धर्मेंद्र की जिंदगी में हर वो बात है, जो एक फिल्म में होती हेै।

जब गुस्साए धर्मेंद्र के हाथों मरने से बचे अमिताभ

1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले आज भी धर्मेंद्र के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। फिल्म में धर्मेंद्र वीरू बने थे और अमिताभ जय, लेकिन क्लाइमैक्स की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र के हाथों मरने से बाल-बाल बचे थे। जी हां, धर्मेंद्र को क्लाइमैक्स सीन में गोलियां और बारूद इकट्ठा करना था, लेकिन जैसे ही एक्शन बोला जाता तो धर्मेंद्र के हाथों से बार-बार गोलियां गिर रही थीं। दो तीन बार सीन खराब होने के बाद धर्मेंद्र इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने असली गोलियां बंदूक में लगाईं और बंदूक चला दी। इस सीन में अमिताभ पहाड़ों में ऊपर की तरफ खड़े थें। धर्मेंद्र के गुस्से में चलाई गई गोली अमिताभ बच्चन के कान के पास से होकर निकली और वो बाल-बाल बच गए। दरअसल डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने क्लाइमैक्स सीन रियल दिखाने के लिए शूटिंग के दौरान असली गोलियों का इस्तेमाल किया था।

किस्सा- 2

वीरू नहीं शोले के ठाकुर बनना चाहते थे धर्मेंद्र

फिल्म सीता-गीता बनाते हुए ही रमेश सिप्पी ने उसकी स्टार कास्ट धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और संजीव कुमार के साथ शोले बनाने का मन बना लिया था। इस फिल्म के दूसरे हीरो के रमेश एक ऐसे एक्टर की तलाश में थे, जो ज्यादा पॉपुलर न हो। ऐसे में धर्मेंद्र ने ही अमिताभ के नाम का सुझाव दिया। धर्मेंद्र इस फिल्म में वीरू की जगह ठाकुर का रोल निभाने में अड़े हुए थे, लेकिन इस रोल में संजीव कुमार को कास्ट कर चुके रमेश सिप्पी कास्ट बदलने के पक्ष में नहीं थे। जब धर्मेंद्र ने जिद नहीं छोड़ी तो रमेश ने उन्हें समझाया कि अगर वो ठाकुर बने तो उन्हें हेमा के साथ कम सीन मिलेंगे, लेकिन अगर वीरू बने तो उन्हें बसंती बनीं हेमा के साथ रोमांस करने का मौका मिलेगा। इस बात को सुनकर धर्मेंद्र मान गए।

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