गेहूं के लिए मचा हाहाकार

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एक ओर शासन द्वारा स्वयं को गरीबों का मसीहा बताते हुए उनके दो वक्त के भोजन और विभिन्न योजनाओं के तहत गरीबों का उत्थान करने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिले में करीब 1 साल से राशन दुकानों में गरीबों को गेहूं नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते राशन दुकान से गेहूं पाने के लिए जिले भर में हाहाकार मचा हुआ है। बताया जा रहा है जिले की शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान से नि: शुल्क और एक रुपये के दाम से गरीबों को मिलने वाला गेंहू सरकार ने बंद कर दिया है। जिसके चलते गरीब वर्ग की थाली से जहां रोटी दूर हो गई है तो वहीं उन्हें बाजार से महंगे दाम पर गेहूं खरीदना पड़ रहा है। जिससे गरीब वर्ग काफी परेशान है, अपनी इस समस्या को लेकर मंगलवार को झुग्गी झोपड़ी निवासियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने 20 दिसंबर तक गरीबों को राशन दुकान से निशुल्क और 1रु की दर से गेहूं दिए जाने की मांग की है। कांग्रेस झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष मकसूद खान के नेतृत्व में सौपे गए इस ज्ञापन में गरीबों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पहले सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया वहीं उन्होंने 20 दिसंबर को गेहूं उपलब्ध नहीं कराने पर धरना देकर उग्र प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है।इस दौरान विनोद बंशकार, जिलाध्यक्ष जितेन्द्र बर्वे, जयदीप गहरवाल सहित अन्य पदाधिकारी सदस्य व झुग्गी झोपड़ी निवासी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

20 दिसंबर तक नहीं मिला गेहूं तो करेंगे उग्र धरना प्रदर्शन_ मकसूद
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष मकसूद खान ने बताया कि बालाघाट जिले में करीब 11 माह से गरीबों को गेहूं नहीं मिल रहा है।जिसके चलते उनका घरेलू बजट बिगड़ गया है जिन घरों में स्कूल बच्चे जा रहे है उन्हें उनके लंच के लिए गेहूं बाजार से खरीदना ही पड़ रहा है जो कि बाजार में 30 रुपये किलो से भी अधिक भाव से मिल रहा है तो कुछ दैनिक मजदूरों को सिर्फ चावल के भरोसे ही भोजन खाना पा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार लोगों को सिर्फ झूठा सपना दिखा रही है और लगातार महंगाई बढ़ाने के साथ ही गरीबों को मिलने वाली योजनाओं को बंद कर उनकी कमर तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा होने नहीं देंगी और गरीबों के हक की लड़ाई हरसंभव तरीके से लड़ेगी। जहां उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि 20 दिसंबर तक योजना को शुरू करके गरीबों को निशुल्क और एक रुपए किलो प्रति दर से गेहूं नहीं दिया जाता तो झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी तमाम जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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