ग्राम पंचायत कोस्ते के वासी स्वास्थ सेवा के लाभ लेने से वंचित है। ग्रामीणो का कहना है कि नगर मुख्यालय से उनका ग्राम करीब ६ किलोमीटर दूर पड़ता है। ऐसे मे दिन हो या रात्री हमे आवागमन के लिये साधन जुटाने के लिये भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अगर हमारे ग्राम मे ही एक उपस्वास्थ केन्द्र शासन प्रशासन खुलवा दे तो हमे काफी राहत मिलेगी और हमे प्राथमिक उपचार हमारे ग्राम मे ही मिल जाया करेगा। ग्रामीणो ने यह भी बताया कि प्रति सप्ताह एक एएनएम ही आती है। जो गर्भवती महिलाओ का टीकाकरण सिर्फ करती है। वो अन्य रोगियो की जॉच भी नही करती ऐसे मे हमे एक अदद उप स्वास्थ केन्द्र की नितांत आवश्यकता है।
मरीज को उपचार के लिये ले जाने मे आती है परेशानी – इन्द्रराज ऐड़े
इस संबंध मे पद्मेश को जानकारी देते हुये ग्रामीण इन्द्रराज ऐड़े ने बताया कि ग्राम मे एक उप स्वास्थ केन्द्र होना अनिवार्य है। जब किसी के घर मे कोई बिमार रहता है और उसे तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसे मे वाहन के लिये भी जद्दो जहद करना पड़ता है। जो वाहन हमे १० मिनट के अंदर मिलना चाहिये उसके लिये हमे २-२ घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे मे मरीज को उचित उपचार सही समय पर नही मिल पाता है। प्रतिमाह जो नर्स भी आती है वो गर्भवती महिलाओ का टीकाकरण कर चले जाती है वो आम आदमी का स्वास्थ परीक्षण नही करती ऐसे मे हम चाहते है कि हमारे ग्राम मे उपस्वास्थ केन्द्र खोला जाये।
वाहन की तलाश करने मे लग जाता है काफी समय- माणिक गोटेकर
वही ग्रामीण माणिक गोटेकर ने पद्मेश को बताया कि हमारे ग्राम मे उप स्वास्थ केन्द्र न होने के कारण अगर बच्चा, बड़ा बुजुर्ग की तबियत खराब हो जाये तो उसे वारासिवनी ही ले ेजाना पड़ता है। कई बार वाहन मिलता है कई बार नही। खासकर सबसे ज्यादा तकलीफ रात्री के समय होती है। जबकि ग्राम पंचायत व स्कूल का परिसर काफी बड़ा है ऐसे मे शासन प्रशासन चाहे तो एक उपस्वास्थ केन्द्र खोल सकती है। उसमे एक या दो नर्स की तैनाती कर दी जाये तो हमे ग्राम मे प्राथमिक उपचार मिल सकता है।
इनका कहना है –
इस संबंध मे पद्मेश ने जब दूरभाष पर ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर डॉ.कमलेश झोडे से चर्चा की तो उन्होने बताया कि उपस्वास्थ केन्द्र ५ हजार की आबादी वाले क्षेत्र मे खोले जाने का प्रावधान है। इससे कम आबादी वाले क्षेत्र मे उपस्वास्थ केन्द्र नही खोला जाता है। समय समय पर जरूर स्वास्थ विभाग निशुल्क शिविर लगाकर ग्रामीणो का स्वास्थ परीक्षण करते है। उपस्वास्थ केन्द्र खोले जाने के लिये विभाग का एक प्लानिंग कमीशन होता है। जो सर्वे कर आबादी ५ हजार या उससे अधिक है कि नही इस बात का सर्व करती है उसके बाद ही उपस्वास्थ केन्द्र खुलता है। उन्होने यह बताया कि यह शासन स्तर का मामला है।
डॉ. कमलेश झोडे
बीएमओ वारासिवनी