त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नाम निर्देशन पत्र वापसी के अंतिम दिन 10 जून को लांजी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली बेनेगांव पंचायत के लोगों ने भी पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया और सभी अभ्यार्थियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र एकमत होकर वापस ले लिए।
आपको बता दें कि लाजी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली बोलेगांव और सिरेगांव में पहले ही पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया गया है यहां से किसी भी अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन पत्र तक जमा नहीं किया।
इसी तर्ज पर नाम निर्देशन पत्र वापस लेने की अंतिम समय में लाजी जनपद पंचायत के बेनेगाव के लोगों ने जिन अभ्यर्थियों ने फॉर्म जमा किए थे उनसे वापस लेने की मांग की तो फिर क्या था सभी ने एकमत एकजुट होकर नाम वापस ले लिए। इस तरह बेनेगाव लांजी जनपद पंचायत की तीसरी ग्राम पंचायत बन गई जहां पर पंचायत चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बेनेगांव पंचायत में कुल 10 वार्ड मेंबर पंच के लिए 16 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र जमा किया था। वही सरपंच पद के लिए 2 अभ्यार्थियों ने नाम निर्देशन पत्र जमा किया था।
लेकिन सभी 18 अभ्यर्थियों द्वारा फॉर्म वापस लिए जाने के बाद यह पंचायत बोलेगांव और सिरेगांव की तरह रिक्त हो गई। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार डबल मनी मामले के आरोपी सोमेंद्र कनकरायने के गृह ग्राम बोलेगाव और सिरेगाव में कार्रवाई के विरुद्ध पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया गया, तो इसी तर्ज पर बेनेगांव में भी पंचायत चुनाव का बहिष्कार किए जाने की जानकारी मिल रही है।
लाजी जनपद पंचायत के अंतर्गत जन चर्चा यह भी है कि आगामी दिनों में यदि डबल मनी मामले के आरोपियों की जमानत नहीं होती तो और भी कुछ गांव के लोग इस पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं। हालांकि यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मुख्य तौर पर लाजी जनपद क्षेत्र के अंतर्गत मतदान का प्रतिशत क्या रहता है। क्या लोग पूर्व की तरह मतदान करने में रुचि दिखाते हैं या फिर डबल मनी मामले में कार्यवाही का विरोध जताते हुए मतदान करने में रूचि नहीं दिखाते?