शहर के वार्ड नंबर 33 पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड पर बीते कुछ महीने पूर्व एक चाय की दुकान खोली गई लेकिन वह धीरे-धीरे हुक्का बार में तब्दील हो गई। 1 दिन पूर्व सोशल मीडिया पर इस हुक्का बार का वीडियो वायरल हुआ कैसे नाबालिक बच्चे यहां बैठकर हुक्के से धुआं उड़ा रहे हैं। जिसके बाद पूरे शहर में चर्चा यही है की चाय के नाम पर हुक्का का संचालन बंद किया जाए।
इसी हुक्का बार को बंद कराने के लिए शुक्रवार की सुबह वार्ड नंबर 33 के स्थानीय लोग एकजुट हुए और हुक्का बार संचालक से बात करने पहुंचे इस दौरान महिला और पुरुषों की बहुत अधिक कहासुनी भी हुई। जिसमें यह बात स्पष्ट रूप से दिखाई दी कि स्थानीय जन इस चाय की दुकान हुक्का बार से बहुत अधिक परेशान है।
उनके द्वारा पहले भी यह दुकान बंद कराने की मांग दुकान के मालिक और चाय दुकान के संचालक से की गई है यही नहीं बात तो यह तक समझ में आई कि स्थानीयजनों द्वारा कोतवाली थाने में भी इस पूरे मामले की शिकायत करवाई गई है, लेकिन जानकारी यहीं मिल रही है कि इस दुकान के संचालक के परिजन स्वयं पुलिस विभाग में कार्यरत हैं इसलिए कोतवाली पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
यह बात इस पूरे विवाद के दौरान स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है बावजूद इसके पुलिस खामोश है स्थानीय जनों ने यहां तक आरोप लगाया कि शाम के समय इस सड़क से पैदल चलना और वाहन चलाना तक मुश्किल हो जाता है ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल हो जाती है ऐसा नहीं है कि यह सब कुछ पुलिस को नहीं मालूम पुलिस की गाड़ी रोजाना यहां से गुजरती है और हॉर्न बजाकर अपना काम पूरा करके चले जाती है बावजूद इसके इस चाय की दुकान हुक्का बार पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
जिससे स्पष्ट समझ में आ रहा है कि यह सब कुछ पुलिस के साए में या कहे कि संरक्षण में संचालित हो रहा है।
वहीं दूसरी और इस पूरे मामले के बाद स्थानीय जनों द्वारा नगरपालिका के सीएमओ सतीश मटसेनिया से मुलाकात की गई और उन्हें बताया गया कि किस तरह चाय दुकान हुक्का बार के संचालक द्वारा अतिक्रमण करके दुकान संचालित की जा रही है। अब देखना यह है कि आखिरकार प्रशासन का अगला कदम क्या होता है। क्या वे इस चाय दुकान के नाम पर चल रहे हुक्का बार को बंद करवाती है। या फिर इसे पूरी तरह संचालित होने देती है और स्थानीय जान इसी तरह से परेशान होते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय लोगों क्या रुख रहता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
वहीं दूसरी ओर एक बड़ा प्रश्न यह उठता है कि इस दुकान में आखिरकार कहां के लोग चाय पीने आते हैं तो जानकारी यही मिल रही है कि इस दुकान में शहर की अधिकांश स्कूली बच्चे पहुंचते हैं जिनकी संख्या बहुत अधिक होती है तो फिर एक बड़ा सवाल यह होता है कि हमारे बच्चे चाय के साथ इस जहरीले धुंए की गिरफ्त में गिरते जा रहे हैं। यह बड़ा सवाल है सवाल यह भी है कि यहां सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब शहर में इस तरह की और भी कुछ चाय की दुकान के नाम पर हुक्का बार खुल जाए।