चुनावी लॉलीपॉप बना घिसर्री नदी पुल निर्माण

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जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम परसवाड़ा और ग्राम बोरी के बीच घिसर्री नदी की, जहा पुल बनाने को लेकर कई बार सर्वे और नामझोक कर लिया गया है।पर आजतक इस नदी पर पुल का निर्माण नही किया गया।

इस नदी पर पुल बनाने की बात महज चुनावी घोषणा के लिए नेताओं का अहम मुद्दा बना हुआ है। शायद यही वजह है कि स्थानीय लोगो को नेताओ के इन वादों पर अब भरोसा नही रहा।जो आज भी इस नदी पर पुल नही बनने से नाराज है।

जिन्होंने उनकी इस समस्या पर ध्यान देकर इस समस्या का त्वरित निराकरण किए जाने की मांग की है।

बात अगर ग्राम परसवाड़ा और ग्राम बोरी के बीच घिसर्री नदी पर उड़ान पुल बनाने की करे तो यह क्षेत्र परसवाड़ा विधान सभा के अंतर्गत आता है। जहा परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लगभग 15 से 18 गांव के लोगों का आवागमन घिसर्री नदी से ही होता है और उस नदी पर पुल बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। लेकिन जिम्मेदार स्थानीय नेताओं की उदासीनता के चलते आज तक इस नदी पर पुल नहीं बन पाया है और हर चुनाव में नेता पहुंचकर ग्रामीणों को पुल बनाने का लॉलीपॉप देकर चले आते हैं। जिससे स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोश पनप रहा है।

वही इस पुल को बनाने का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ता नजर आ रहा है जहां ग्रामीणों ने घिसर्री नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है।

आपको बताए कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी,तब परसवाड़ा विधायक रामकिशोर कावरे ने प्रदेश सरकार पर शब्दो से कई प्रहार करते हुए घिसर्री नदी पर तुरन्त उच्च स्तरीय उड़ान पल बनाने की मांग की थी।वही मांग पूरी ना होने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। जिसके कुछ माह बाद ही कमलनाथ की सरकार गिर गई और फिर से पिछले कई वर्षों से सत्ता में काबिल शिवराज सिंह चौहान की सरकार बन गई ।तब से लेकर आज तक परसवाड़ा क्षेत्र विधायक आयुष एवं जल साधन मंत्री रामकिशोर कावरे ने घिसर्री नदी का यह मुद्दा नहीं उठाया और ना ही इस नदी पर पुल बनाने के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन किया गया। कुल मिलाकर कहा जाए तो घिसर्री नदी पर उड़ान पुल महज एक चुनावी मुद्दा बन गया है जिसे पक्ष विपक्ष दोनों समय-समय पर भुनाते रहते हैं।

घिसर्री नदी पर पुल बनाने की घोषणा विधायक से लेकर सांसद और सांसद से लेकर मंत्री तक कर चुके हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी ने इस पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। जिसका खामियाजा आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घिसर्री नदी पर उड़ान पुल बनाने को लेकर विधायक रामकिशोर कावरे, पूर्व विधायक मधु भगत, पूर्व सांसद बोधसिंह भगत ,बालाघाट विधायक, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष एवं पूर्व कृषि मंत्री  गौरीशंकर बिसेन सहित अन्य ने इस नदी पर पुल बनाए जाने के नाम पर ग्रामीणों को आश्वासन दिया था। लेकिन उनका यह आश्वासन अब तक पूरा नहीं हो पाया है और आज भी विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग पुल निर्माण करने की जगह राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हैं।

घिसर्री नदी पर पुल ना होने के चलते सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में देखने को मिलती है। स्थानीय ग्रामीणों के साथ साथ पढाई करने वाले  बच्चे व अन्य ग्रामीण एक से दूसरे गांव आने जाने के लिए नाव पर निर्भर रहते हैं। लेकिन पूर्व सासंद द्वारा सोशल मीडिया पर नाव की फोटो शेयर की गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने यह कहकर उस नाव को जप्त कर लिया की नाव से बच्चे ले जाने में कोई भी दुर्घटना हो सकती है जहा ना केवल नाव जप्त की गई थी बल्कि प्रशासन द्वारा नाव तोड़ दी गई थी। तब ग्रामीणों के सामने समस्या और भी अधिक बढ़ गई थी। कुछ ऐसे ही हालत इन दिनों भी देखने को मिल रहे हैं ।क्योंकि वर्तमान समय में जिले भर में मानसूनी बारिश हो रही है। जहां लगातार बारिश होने पर जिले भर के तमाम नदी नाले उफान पर आ जाएंगे और नदियों में उच्च स्तरीय पुल न होने के चलते लोगों को नदी पार करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।

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