विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रत्याशियों का प्रचार भी तेज होता जा रहा है। प्रत्याशियों का जनसंपर्क जोर-शोर से जारी है। चुनावी मैदान में नेता हर काम में माहिर दिख रहे हैं। नेता तो नेता, उनके परिवार के लोग भी इस काम में जुट गए हैं।
इंदौर में जनसंपर्क के दौरान कई बार अलग-अलग नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। किसी कार्यक्रम में कोई प्रत्याशी बच्चों को खिलाता नजर आ रहा है, तो कोई प्रत्याशी लोगों को चाय पिलाता दिख रहा है। ऐसे में एक कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की बहू सोनम विजयवर्गीय पराठे सेंकती नजर आईं, वहीं खुद विजयवर्गीय एक छोटी बच्ची से दीपावली के लिए दीपक खरीदते दिखे। महापौर पुष्यमित्र भार्गव का भी प्रचार के दौरान एक बच्चे को खिलाने का वीडियो बहुप्रसारित हो रहा है।
विधानसभा चुनाव और क्रिकेट विश्व कप के बीच इस बार दीपावली का उत्साह चरम पर है। बाजारों की भीड़, खरीदी के आंकड़े आदि त्योहार के उत्साह को दिखा रहे हैं। इस बार पटाखों की खरीदी में भी अलग चलन देखने को मिल रहा है।
बच्चे अपने माता-पिता से कह रहे हैं कि इस बार पटाखे थोड़े ज्यादा खरीदेंगे और उन्हें हम बचा लेंगे। बच्चों का कहना है कि ज्यादा पटाखे 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर फोड़े जाएंगे, क्योंकि असली दीपावली तो उसी दिन मनेगी।
पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि इस बार तीन दीपावली मनेगी, पहली दीपावली के दिन, दूसरी 3 दिसंबर (पांच राज्यों के चुनाव परिणाम) वाले दिन और तीसरी 22 जनवरी (अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा) वाले दिन।
प्रवक्ताओं की फौज में चंद योद्धा ही सक्रिय
चुनावी बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों ने मोर्चा संभाल लिया था। सबने अपने अलग-अलग मीडिया सेंटर भी बनाए थे। भारतीय जनता पार्टी ने तो अपना पक्ष रखने के लिए फौज तैयार करते हुए हर संभाग के लिए प्रवक्ता तय किए। दिल्ली से भी नेता जुबानी-किला लड़ाने आए हैं।
यही हाल कांग्रेस में भी है। कांग्रेस ने भी प्रदेश प्रवक्ता से लेकर नगर प्रवक्ता तक की लंबी फौज खड़ी की। मगर चुनाव में वास्तविक सक्रियता की बात करें तो एक-दो प्रवक्ता को छोड़कर शेष संख्या बढ़ाने का ही काम कर रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल व संभागीय प्रवक्ता गोविंद मालू तथा कांग्रेस की ओर से केके मिश्रा ही आक्रामकता से किला लड़ा रहे हैं। दोनों दलों ने चुनाव के दौरान जो फौज तैयार की थी, उसके कई योद्धा तो बड़े नेताओं की आवभगत में ही लगे नजर आते हैं।