अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव में भारत समेत श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और फिजी देश की संस्थाओं और कलाकारों द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर रामलीला का मंचन किया जाएगा। श्रीराम कथा के विविध प्रसंगों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला का मंचन रवींद्र भवन में 16 अक्टूबर से होगा। श्री रामलीला उत्सव आज से 22 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से मुक्ताकाश मंच पर होगा। कार्यक्रम स्थल पर पहली बार हनुमान चालीसा के 40 दोहों पर केंद्रित संकटमोचन चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी। साथ ही लोकराग के अंतर्गत प्रतिदिन दोपहर दो बजे से रवींद्र भवन परिसर में नृत्य, गायन और कठपुतली प्रदर्शन की गतिविधियां भी की जाएंगी। कार्यक्रम में सभी का प्रवेश नि:शुल्क है। 16 अक्टूबर को अवध आदर्श रामलीला मंडल अयोध्या (उत्तरप्रदेश) द्वारा शिव पार्वती संवाद, विश्वमोविनी स्वयंवर, राम जन्म प्रसंग की आदि की प्रस्तुति। 17 अक्टूबर को नाटक कला मंदिर ग्रुप, श्रीलंका के कलाकारों द्वारा श्रीराम रावण काव्यम एवं मीरादास एवं साथी, भुवनेश्वर (ओडिशा) द्वारा श्रीराम प्रेमभक्ति कथा : ओडिशा नृत्य का मंचन किया जाएगा। 18 अक्टूबर को लास्या आर्ट्स अकादमी (मलेशिया) द्वारा रामायणम् तथा डा. लतासिंह मुंशी एवं साथी भोपाल द्वारा श्रीरामकथा: भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 19 अक्टूबर को उत्तर कमलाबाड़ी सत्र शंकरदेव क्रिस्टी संघ, माजुली (असम) द्वारा पुष्पवाटिका, धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर और थाईलैंड के खोन रामायण ग्रुप द्वारा श्रीराम कथा का मंचन किया जाएगा। 20 अक्टूबर को श्रीरामलीला मंडल, उड्डपी (कर्नाटक) द्वारा वनगमन, सीताहरण, जटायु प्रसंग का मंचन होगा। 21 अक्टूबर को त्रिनिदाद एंड टोबैगो के हिंदू प्रचार केंद्र के कलाकारों द्वारा श्रीराम कथा और रघुनाथजी लीला प्रचार समिति पुरी (ओडिशा) द्वारा श्रीराम सुग्रीव मित्रता, हनुमान रावण संवाद एवं लंका दहन प्रसंग की प्रस्तुति दी जाएगी। 22 अक्टूबर को फिजी के श्रीसत्संग रामायण ग्रुप द्वारा श्रीरामकथा और सतना के श्रीआदर्श रामलीला मंडल द्वारा लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ रावण वध और श्रीराम राज्याभिषेक प्रसंग मंचित होंगे।प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि श्रीरामलीला देखने आने वाले दर्शक रवींद्र भवन में स्वाद व्यंजन मेला का भी लुत्फ उठा पाएंगे। मेले में बघेली, बुंदेली, राजस्थानी, मराठी, सिंधी के साथ ही जनजाति समुदाय के व्यंजन भी उपलब्ध रहेंगे। साथ ही दीपोत्सव मेला में 175 से अधिक शिल्पी विविध माध्यमों के शिल्प और वस्त्रों का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे। प्रमुख सचिव ने बताया कि देश और विदेश की रामलीलाओं को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) नई दिल्ली के सहयोग से यह पहल की गई है। वैश्विक नायक के रूप में श्रीराम के आदर्श चरित्र का अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला में मंचन किया जाएगा। श्रीरामलीला का लाइव टेलीकास्ट यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से भी किया जाएगा। शुक्ला ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य हमारी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ना है। उन्हें यह बताना है कि भगवान श्रीराम की पूजा और कथा सिर्फ भारत में ही नहीं होती, बल्कि राम विश्वव्यापी हैं।