जनशक्ति उपसरपंच एवं पंच क्लयाण महासंघ के द्वारा २ मई को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कामिनी ठाकुर व क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल को ज्ञापन सौपकर ८ सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन के जरिये उन्होने अपनी प्रमुख मांग सरपंच के आधा मानदेय देने की माग की है। वही उन्होने पंचो को भी उचित मानदेय देने की मांग की है। अगर यह मांग पूरी नही होगी तो उन्हे आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी।
यह है मांगे
जनशक्ति उपसरपंच एवं पंच कल्याण महासंघ द्वारा जो ज्ञापन सौपा गया है। उनमें प्रमुख ८ सूत्रीय मांगों में उपसरपचं को सील साईन के अधिकार दिये जाये, पंच एवं उपसरपंच को पंचायत में मान सम्मान मिले, पंचायत के सील बाऊचर में सरपंच एवं उपसरपंच की सील साईन अनिवार्य की जाये,पंचो व उपसरपंच को मनादेय दिया जाये, सरपंच की मृत्यु या ग्राम में न होने पर उपसरपंच को पूर्ण अधिकार मिले, पंचायत की प्रत्येक जानकारी उपसरपंच व पंचो को दी जाये, ग्राम के कार्य में सरपंच पति का कोई हस्तक्षेप न हो, पंचायत में हितग्राहियों को १०० की जगह २०० दिन का कार्य दिया जाये।
हम अपने अधिकार की लड़ रहे लड़ाई – संतोष
धनसुवा कटंगी के उपसरपंच व संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष राहंगडाले ने पद्मेश को बताया कि २ मई को हमारे द्वारा खनिज विकास निगम अध्यक्ष क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल को ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें हमने उन्हे अपनी ८ सूत्रीय मांगो के संबंध में अवगत कराया है। जिसके बाद हम लोग अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुॅचे है जहा हमारे द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है। हमारी प्रमुख मांग में हमे सरपंच के बराबर नही तो कम से कम आधा मानदेय प्रतिमाह दिया जाये। वर्तमान समय में हमे जो मानदेय दिया जा रहा है जिसके बारे में बोलकर भी शर्म आती है। वही पंचो का भी जो मानदेय प्रतिमाह होना चाहिये वो काफी कम है ऐसे में शासन को इस और ध्यान देते हुये हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिये।
प्रतिमाह मिलते है मानदेय के रूप में ५० रूपये – योगिता
इसी तरह मंगेझरी की पंच श्रीमती योगिता चौधरी ने पद्मेश को बताया कि वर्तमान समय में हमे प्रतिमाह ५० रूपये ही शासन द्वारा दिया जा रहा है। ऐसे में हम लोग इस मानदेय को लेना उचित नही समझते है। हमारी मांग है कि हमने ही उपसरपंच को चुना है जिसका वेतन मान सरपंच के वेतनमान ४२ सौ ५० रूपये के आधा तो होना चाहिये। अगर उपसरपंच का मानदेय बढ़ेगा उसी तरह हमारा भी मानदेय कम से कम ११ सौ रूपये के आसपास होना चाहिये। ताकि हम लोगों को राहत मिल सके क्योकि हम लोग चुने हुये जनप्रतिनिधि है। शासन को हमारी मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिये।
पंच व उपसरपंच का पंचायत में कोई औचित्य नही – मोहेन्द्र
इसी तरह ग्राम पंचायत झाडग़ॉव के उपसरपंच मोहेन्द्र नगपुरे ने पद्मेश को बताया कि पंच व उपसरपंच को जो वर्तमान समय में ५० रूपये का मानदेय मिल रहा है उसमें गुटका पान तक नही आ पाता। हम लोग जनता के चुने जनप्रतिनिधि है मगर शोभा की सुपारी जैसे प्रतीत हो रहे है। ग्राम पंचायत का संचालन सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा किया जा रहा है। हमारी कोई भूमिका इसमें प्रतीत नजर नही आ रही है। ऐसे में ही हमने उपसरपंच, पंच संगठन का प्रदेश स्तर पर गठन किया है। आगामी समय हम पंचायती राज में संशोधन करने की मांग करते हुये उपसरपंच, पंच को अधिकार प्रदान करने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। ताकि पंचायत में हमारा भी सम्मान रह सके क्योकि पंच ही उपसरपंच चुनते है। हम सभी कुछ दिनों के भीतर ब्लॉक, जिला व प्रदेश स्तर पर एक बैठक का आयोजन करने वाले है। जिसके बाद हम प्रदेश के भोपाल में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और अपनी मांगो का ज्ञापन सौपेंगे। अगर उसके बाद भी हमारी मांगे पूरी नही हुई तो हम आंदोलन की और अग्रसर होंगे।