नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार जबलपुर से जुड़ने की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। शनिवार को भगवती फार्मा समेत सपन जैन से जुड़ी तीन दवा दुकानों को शनिवार को सील कर दिया गया। कलेक्टर के निर्देश पर हुई कार्रवाई के दौरान अधारताल तिराहा स्थित सपन के चाचा की दवा दुकान से चार रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए हैं ताकि आवश्यक होने पर उसके सैंपल लिए जा सकेें। विदित हो कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले बदमाशों के गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया था। उक्त घटना में अधारताल निवासी भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन का नाम सामने आया था। गुजरात पुलिस उसे जबलपुर से उठाकर ले जा चुकी है।
एसडीएम व तहसीलदार ने दी दबिश: शनिवार को कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम दिव्या अवस्थी ने सिविक सेंटर दवा बाजार स्थित भगवती फार्मा, सत्यम मेडिकोज मालवीय चौक तथा तहसीलदार संदीप जायसवाल ने अधारताल तिराहा स्थित उसके चाचा सत्यम जैन द्वारा संचालित दवा दुकान को सील करवा दी। कार्रवाई के दौरान औषधि निरीक्षक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। बताया जाता है कि सपन पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रशासन ने उससे जुड़े प्रतिष्ठानों पर एहतियात के तौर पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अधारताल स्थित मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई के दौरान उसके चाचा ने शहर स्थित एक निजी अस्पताल संचालक पर आरोप लगाए।
70 लाख के लेनदेन का मामला : उन्होंंने कहा कि निजी अस्पताल में सपन जैन दवा की सप्लाई करता था। उसे अस्पताल संचालक से 70 लाख रुपये लेने थे। अस्पताल संचालक ने रकम के भुगतान के लिए गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने की शर्त रखी थी।। इस आरोप के बाद दवा कारोबारियों व अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गई। हालांकि संचालक ने इस आरोप को गलत ठहराते हुए अस्पताल की छवि धूमिल करने की साजिश का आरोप लगाया है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कराएं जांच: इधर, जबलपुर केमिस्ट एसोसिएशन ने प्रशासन से रेमडेसिविर की लेबोरेटरी परीक्षण कराने की मांग की है। एसोसिएशन के सचिव चंद्रेश जैन ने कहा कि जिलेभर से इस इंजेक्शन के सैंपल लिए जाएं ताकि उनकी जांच करवाई जा सके। नागरिकों में इंजेक्शन को लेकर नकली व असली होने का संशय पैदा हाे रहा है। कोरोना मरीजों की जान से किसी तरह का खिलवाड़ न होने पाए। उन्हें उच्च गुणवत्ता की दवाएं प्राप्त हों।
यह है मामला : गुजरात के मोरबी शहर से पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। गुजरात क्राइम ब्रांच ने जांच का दायरा आगे बढ़ाया तो आशानगर अधारताल निवासी सपन उर्फ सोनू जैन का नाम सामने आया। वहां उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई जिसके बाद गुजरात पुलिस ने उसे जबलपुर पहुंचकर हिरासत में ले लिया। साेनू भगवती फार्मा का संचालक है।