जबलपुर, । संभाग के सबसे बड़े चिकित्सा केंद्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सेंट्रल लैब में मरीजों को निराशा मिल रही है। यहां खून से संबंधित महत्वपूर्ण हीमोग्लोबिन की भी जांच बंद है, जिससे लैब में सुविधाओं की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। सेंट्रल लैब में हीमोग्लोबिन के अलावा अन्य कई जांचें बंद हैं जिसके चलते मेडिकल पहुंचने वाले तमाम मरीजों को निजी पैथोलॉजी लैब के चक्कर लगाना पड़ रहा है। बताया जाता है की रासायनिक पदार्थ यानि सूचर मटेरियल की कमी के कारण जांचें नहीं हो पा रही हैं। मेडिकल प्रशासन द्वारा सूचर मटेरियल की खरीदी भी नहीं की जा रही। हेमेटोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री की करीब छह जांच सेंट्रल लैब में नहीं हो पा रही है। सेंट्रल लैब कर्मचारियों का कहना है कि कई तरह की जांच बंद होने के कारण मरीजों से आए दिन विवाद की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
पीलिया की जांच भी नहीं: सेंट्रल लैब में पीलिया बीमारी का पता करने के लिए होने वाली जांच बंद है। बताया जाता है कि इस जांच में उपयोगी रासायनिक पदार्थ का कोटा समाप्त हो चुका है। संभाग के सबसे बड़े केंद्र में हीमोग्लोबिन और पीलिया जैसी महत्वपूर्ण जांच ना होने के कारण व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
ब्लड बैंक में भी समस्या: हीमोग्लोबिन व पीलिया से संबंधित बीमारियों की जांच नहीं हो पा रही है। ब्लड बैंक में रक्तदाताओं का हीमोग्लोबिन पता करने का संकट बढ़ा है। कुछ दिन पूर्व संभागायुक्त ने कार्यकारिणी समिति की बैठक में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिए थे निर्देश फिर भी सेंट्रल लैब में जांच का संकट बरकरार है।