मध्यप्रदेश में मार्च के चौथे सप्ताह भी मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर के कारण 24 मार्च से प्रदेश में नया सिस्टम एक्टिव हो गया। इसके चलते बारिश के साथ ओलावृष्टि होगी और तेज आंधी चलेगी। शनिवार को जबलपुर-शहडोल संभाग में ओलों की ‘बारिश’ हो सकती है, जबकि भोपाल संभाग में बादल छाए रहेंगे। चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया जिलों में कहीं-कहीं बारिश-ओलावृष्टि हो सकती है। इस दौरान 40 से 50Km प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चलेगी।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है। इस कारण कहीं-कहीं हल्की बारिश और ओलावृष्टि का असर रहेगा। तेज आंधी भी चलेगी।
अगले 3 दिन ऐसा रहेगा मौसम
25 मार्च : भोपाल, सीहोर, रायसेन और विदिशा में बादल छाए रहेंगे। बिजली गिर भी सकती है। चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया जिलों में कहीं-कहीं, शहडोल-जबलपुर संभाग के सभी जिलों में ओलेे गिर सकते हैं। इस दौरान 40 से 50Km प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।
26 मार्च : भोपाल संभाग के जिलों और नर्मदापुरम में ओलावृष्टि के आसार हैं। आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। रीवा, सागर, चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना। शहडोल-जबलपुर संभाग में ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी चलेगी। आंधी की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है।
27 मार्च : प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम बदला सा रहेगा।
इसलिए बदला मौसम
मौसम वैज्ञानिक नरेंद्र मेश्राम ने बताया कि राजस्थान के ऊपर चक्रवात बना है। वहीं, श्रीलंका से नॉर्थ मध्यप्रदेश की तरफ ट्रफ लाइन आ गई है। इसका असर प्रदेशभर में है। वेदर डिस्टर्बेंस का 24 मार्च से ज्यादा असर दिखने को मिल रहा है। इससे प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि होगी। वहीं, 40 से 60Km प्रतिघंटे की स्पीड से आंधी चलेगी।
मार्च में सिस्टम बिगड़ने का तीसरा दौर
प्रदेश में यह मार्च में तीसरा सिस्टम है। पहला दौर 3 से 9 मार्च तक चला। इसके बाद दूसरा दौर 16 से 19 मार्च के बीच रहा। अब 24 से 27 मार्च के बीच तीसरा दौर शुरू हो गया है। बता दें कि पहले और दूसरे दौर के सिस्टम ने किसानों की मुश्किलें सबसे ज्यादा बढ़ाई। पहले दौर में 43 जिलों में बारिश हुई और ओले भी गिरे थे। इसमें 16 जिले विदिशा, रतलाम, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, खरगोन, राजगढ़, रायसेन, धार, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर और मुरैना के 3280 गांव में 1.09 लाख किसान की 1.25 लाख हेक्टेयर की फसल नष्ट हो गई थी। 16 से 19 मार्च के बीच फिर बदले मौसम ने 27 से ज्यादा जिलों में असर डाला। इसका सर्वे चल रहा है, जो 25 मार्च तक पूरा किया जाना है।