जबलपुर हाई कोर्ट ने कलेक्टर का आदेश किया निरस्त

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हाई कोर्ट ने कलेक्टर बड़वानी के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें दंड स्वरूप पांच शिक्षकों की एक-एक वेतनवृद्ध रोकी और उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने कहा कि शासन याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

बड़वानी में शिक्षक के पद पर पदस्थ पंचना खरस्ते, संतोष सोलंकी, ललिता दाखलेचा, सीताराम सस्ते व हरीश सोनवानिया के खिलाफ कलेक्टर ने 16 नवंबर, 2021 को उक्त दंडात्मक आदेश जारी किया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता शक्ति सोनी ने कोर्ट को बताया कि सात अक्टूबर को अधिकारियों के दौरा कार्यक्रम के दौरान उक्त शिक्षक शाला में अनुपस्थित पाए गए। अगले दिन जिला परियोजना अधिकारी ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। बारह अक्टूबर को कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर दिया। सोनी ने बताया कि कलेक्टर ने शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही 16 नवंबर को अंतिम आदेश जारी कर दिया, जोकि मप्र सिविल सर्विस रूल्स की धारा 16 के विपरीत है।

न्याय के लिए आवाज उठाना जरूरी, विधिक जागरुकता शिविर में रखे गए विचार : मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में गुरुवार को स्थानीय जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित हुआ। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के सचिव मनीष सिंह ठाकुर ने कहा कि अन्याय को सहना भी अपने साथ अन्याय है। न्याय के लिए आवाज उठाना आवश्यक है। कोई व्यक्ति आर्थिक आधार या अन्य कोई निर्योग्यता पर न्याय पाने से वंचित हो रहा है तो उसको निश्शुल्क विधिक सहायता सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय तक उपलब्ध करवाई जाती है। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी एम जीलानी, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवऋषि पिंचा व पैनल अधिवक्ता राणा भट्टाचार्य द्वारा कानूनी विषयों पर जानकारी दी गई। आभार प्रदर्शन एके शर्मा प्राचार्य जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज द्वारा किया गया।

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