वैसे तो हर गांव को मुख्यालय से जोडने के लिए सड़के बनाई जाती है, लेकिन जब वहीं सड़के बड़े-बड़े गढ्डों में तब्दील हो जाती है तब कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देता है। ऐसा ही मामला भ्याना से कड़लावद सड़क मार्ग का है। जिसमें लम्बाई लगभग 15 किलोमीटर है, लेकिन जवाबदारों की उदासीनता से यह मार्ग जर्जर अवस्था में है। जबकि भ्याना से भूमका गांव तक यह सड़क बारिश के बाद से बहुत ज्यादा ही खराब चुकी है। यह सड़क लोक निर्माण विभाग के अंर्तगत आती है। भ्याना से भूमका तक सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है जिससे यह से गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण संतोष तोमर का कहना है कि भ्याना से भूमका तक आने-जाने में कई बार सोचना पडता है कि इस मार्ग से जाए या नहीं। क्योंकि इस सड़क पर इतने गड्ढे हो गए है कि निकली मुश्किल है।
ग्रामीण हो रहे धूल से परेशानः भ्याना के मुबारिक खां मंसूरी ने बताया कि भ्याना से कड़लावद की सड़क से राहगीर ही नहीं बल्कि हम सड़क किनारे निवास कर रहे ग्रामीण भी परेशान है, क्योकि इस मार्ग पर पता नहीं चलता है कि सड़क है या नहीं और वहीं से उड़ती धूल भी सीधे घरों में घूसती है।
हां, आपके द्वारा मुझे इस मामले में अवगत करवाया गया। मैं इस मार्ग का ड़ामरीकरण का कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।