भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे मौके आएं हैं जब पिता के बाद बेटे ने भी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है। लाला अमरनाथ से लेकर सुनील गावस्कर और रोजर्स बिन्नी तक कई दिग्गज क्रिकेटरों के बेटों ने भारतीय टीम में जगह बनाई है। रोजर्स बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी के नाम भारत के लिए वनडे में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। हालांकि, इनमें से कोई भी खिलाड़ी लंबे समय तक भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पाया है। इस बीच तीन दिग्गज खिलाड़ियों के बेटे भारतीय टीम में शामिल होने के लिए तैयार हैं और इनके अंदर लंबे समय तक टीम में टिकने का टैलेंट भी है।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे मौके आएं हैं जब पिता के बाद बेटे ने भी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई है। लाला अमरनाथ से लेकर सुनील गावस्कर और रोजर्स बिन्नी तक कई दिग्गज क्रिकेटरों के बेटों ने भारतीय टीम में जगह बनाई है। रोजर्स बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी के नाम भारत के लिए वनडे में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। हालांकि, इनमें से कोई भी खिलाड़ी लंबे समय तक भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पाया है। इस बीच तीन दिग्गज खिलाड़ियों के बेटे भारतीय टीम में शामिल होने के लिए तैयार हैं और इनके अंदर लंबे समय तक टीम में टिकने का टैलेंट भी है।
आर्यन बांगर
पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर ने टीम इंडिया के लिए महज 12 टेस्ट और 15 वनडे मुकाबले खेले है। इसके बाद उन्होंने खिलाड़ियों को कोचिंग देनी शुरू की और उनके सिखाए लड़कों ने हर बार कमाल किया। संजय भले ही कोचिंग और कमेंट्री के लिए जाने जाते हों, पर उनके बेटे के अंदर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता है। आर्यन बांगर ने कुछ वक्त पहले कूच बिहार ट्रॉफी में बेहतरीन खेल दिखाया था। आर्यन भी अर्जुन की तरह एक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। हाल ही में उनका इंग्लिश काउंटी की जूनियर टीम लिसेस्टरशायर के साथ कॉन्टैक्ट हुआ है। इसके बाद उनके लिए भी टीम इंडिया के दरवाजे खुल सकते हैं।
समित द्रविड़
टीम इंडिया के पूर्व कैप्तान राहुल द्रविड़ को पूरी दुनिया ‘द वॉल’ के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में सालों तक बेहतरीन प्रदर्शन किया। द्रविड़ के जाने के बाद पुजारा ने उनकी जगह ली है, लेकिन अभी भी सभी क्रिकेट फैंस द्रविड़ को बहुत याद करते हैं। राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ शुरुआत से ही अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। समित कई बार अपने दम पर अपनी टीम को जीत दिला चुके हैं। उन्होंने कम उम्र में ही विस्फोटक अंदाज के साथ लंबी पारियां खेलने का हुनर सीख लिया है। बड़े होने पर समित निश्चित रूप से भारतीय टीम के लिए मजबूत दावेदारी पेश करेंगे।