मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना दो दिवसीय प्रवास पर बालाघाट पहुंचे जिनके द्वारा बालाघाट में पदस्थ हाकफोर्स के जवानों और पुलिस के सुरक्षा कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के मंशा से बालाघाट जिले का 2 दिन तक भ्रमण किया गया। इस दौरान उन्होंने हाकफोर्स की चौकी सीतापाला, देवरबेली, टेमनी तथा सीआरपीएफ की चौकी मथुरदा का भ्रमण किया।
पुलिस जवानों की समस्या का निदान करने किया आश्वस्त
डीजीपी श्री सक्सेना द्वारा पुलिस चौकियो का भ्रमण कर वहां पदस्थ पुलिस जवानों की समस्याओं को सुना तथा नक्सल विरोधी अभियान में उनके योगदान की सराहना करते हुए उनसे अपेक्षा जताई कि भविष्य में भी इसी प्रकार मनोबल एवं उद्देश्य के साथ कार्य करते रहे। पुलिस जवानों द्वारा बताई गई समस्याओं के निदान के लिए उचित प्रक्रिया के साथ कार्रवाई करने पुलिस जवानों को आश्वस्त किया गया। चौकियों के भ्रमण के दौरान उनके द्वारा जवानों के किचन, बैरेक इत्यादि का बारीकी से निरीक्षण किया गया और जवानों के साथ खाना भी खाया।
तिरंगा लेकर जवानों के साथ खिंचवाई फोटो
यही नहीं उन्होंने कान्हा नेशनल पार्क में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बम्हनी, दादर का भ्रमण किया और वहां पर रह रहे जवानों से मुलाकात की। कैंप में भ्रमण के दौरान वर्तमान में चल रहे हर घर तिरंगा अभियान के तहत जवानों के साथ तिरंगा लिए उनमें देशभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए जवानों के साथ फोटो भी खिंचवाई।
कनकी में पुलिस अधिकारियों की ली बैठक
वही दूसरे दिन सोमवार को डीजीपी श्री सक्सेना हॉकफोर्स मुख्यालय कनकी पहुंचे और बालाघाट जोन के समस्त पुलिस अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक सेनानी एवं सीआरपीएफ कोबरा के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान 36 वी वाहिनी विशेष सशस्त्र बल में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन भी किया। हॉकफोर्स मुख्यालय कनकी भ्रमण के दौरान सेनानी हॉकफोर्स के द्वारा डेमो दिया गया जिसकी पुलिस महानिदेशक द्वारा काफी प्रशंसा की गई। सोमवार की शाम को भोपाल के लिए प्रस्थान करते समय उपस्थित पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए उनसे यह अपेक्षा की गई हमारी संपूर्ण बालाघाट पुलिस एवं हॉकफोर्स के प्रयासों से मध्यप्रदेश से बहुत जल्दी ही नक्सली गतिविधियों पर विराम लगने में सफलता हासिल होगी।
नक्सली वारदात के बाद जवानों का मनोबल बढ़ाने पहुंचे डीजीपी
आपको बताये कि 3 दिन पूर्व ही बालाघाट जिले में एक नक्सली वारदात हुई थी, पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों द्वारा एक ग्रामीण की हत्या की गई। संभवत: पुलिस जवानों का मनोबल बढ़ाने तथा उनकी हौसला अफजाई करने की मंशा से व नक्सली वारदातों पर कैसे अंकुश लगाया जाए इसके दिशा निर्देश देने की मंशा से उनका बालाघाट आगमन होना माना जा रहा है।