मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार के इस दौर में केंद्रीय जांच एजेंसियों की सक्रियता पर कांग्रेस आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ संघीय एजेंसियों के ‘निरंतर दुरुपयोग’ से उनकी विश्वसनीयता कम होती है और इससे भ्रष्टाचारियों को बच निकलने का अवसर भी मिलता है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी के कुछ ही देर बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि इस प्रकार की प्रक्रियाओं में कीमत ईमानदार व्यक्ति को चुकानी पड़ती है।
खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘एजेंसी के निरंतर दुरुपयोग का एक बड़ा नुकसान यह भी होता है कि जब एजेंसी सही काम भी करती है, तब भी उसके कदम को शक की दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे में, भ्रष्ट लोग दुरुपयोग की दुहाई देकर बच निकलते हैं और जो ईमानदारी से जनता के मुद्दे उठाते हैं, वो दुरुपयोग का शिकार होते रहते हैं।’ सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा।