जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में प्रसूता की मौत पर हंगामा

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एक और शासन प्रशासन द्वारा जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को लेकर आए दिन हंगामे हो रहे हैं। जहां मरीजों के परिजन और चिकित्सक स्टाफ के बीच आए दिन विवाद देखने को मिल रहा है। ट्रामा सेंटर कि आए दिनों मिल रही इन शिकायतों के बावजूद भी यहां की अव्यवस्थाएं सुधारने का नाम ही नहीं ले रही है। इसी बीच बुधवार शाम करीब 7 बजे जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में उस वक्त हंगामा मच गया जब 2 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रसूता महिला को ब्लड और उपचार नही मिला, जिसे गर्भवती महिला की मौत हो गई। जहां महिला की मौत पर अस्पताल चौकी पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए तहरीर दी गई। लेकिन परिजन मृतिका के परिजन पोस्टमार्टम ना कराने की जिद पर अड़े रहे और शव देने की मांग करने लगे । इस पर अस्पताल चौकी पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। जहां वरिष्ठ अधिकारियों की लाख समझाईश पर भी परिजन नहीं माने और बिना पोस्टमार्टम के ही शव को ले जाने की बात को लेकर हंगामा मचाने लगे जहां मचे हंगामे के बाद पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने नवविवाहिता मृतिका के शव को जिला अस्पताल फ्रीजर में रखवा दिया । जिसके गुरुवार की सुबह पोस्टमार्टम किए जाने की बात कही जा रही है उधर परिजन नवविवाहिता से पोस्टमार्टम ना किए जाने को बात पर अड़े हुए हैं

क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार लाँजी भानुटोला वार्ड नंबर 12 निवासी 25 वर्षीय विवाहिता नंदिनी पति आकाश बेदर को 10 दिन पूर्व 19 मार्च को लाँजी के अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था जहां उसी दिन सीजर ऑपरेशन से प्रसूता ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया था। 2 दिन पूर्व 27 मार्च को लांजी अस्पताल से प्रसूता को छुट्टी दे दी गई थी जिस पर प्रसूता को लेकर उसके परिजन घर चले गए थे. बताया जा रहा है कि आज बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे महिला को अचानक से ब्लडिंग होने लगी जिस पर उसके परिजन उसे पुनः लांजी के स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। जहां महिला चिकित्सक ने ब्लडिंग अधिक होने और ब्लड की कमी होने के चलते प्रसूता को जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया । वही रिफर पर्ची में इस बात का उल्लेख किया कि महिला के गिरने या उसे मारने से ब्लीडिंग हो सकती है इस पर परिजन महिला को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर लाकर करीब 4:30 बजे भर्ती कराया जिसकी 2 घंटे बाद करीब 6:30 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई।

लांजी चिकित्सक ने प्रसूता के गिरने या मारने से ब्लडिंग होने की लिखी थी बात
बताया जा रहा है कि चूंकि लांजी से रिफर पर्ची में चिकित्सक द्वारा गिरने या मारने से अत्यधिक रक्तस्राव होने की बात मेंशन की थी, जिससे मृतिका नंदिनी की मौत का मामला संदेहास्पद होने पर पुलिस महिला का पीएम करवाना चाहती है लेकिन परिजन तैयार नहीं है। मौत के बाद अस्पताल तहरीर पर अस्पताल चौकी पुलिस महिला का पीएम करवाने शव बरामद करने पहुंची तो परिजनों ने इंकार कर दिया। जब पुलिस ने पीएम की बात कही तो परिजन हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल चौकी पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद वहां एसडीएम संदीप सिंह, तहसीलदार तिवारी, सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा, थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत,,भी पहुंचे और परिजनों ने चर्चा की, लेकिन परिजन मानने तैयार नहीं है, दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि यदि कभी मृतिका नंदिनी की मौत को लेकर मायके पक्ष वालों ने कभी सवाल खड़े किये तो जवाब कौन देगा। जिससे मामले के समाधान के लिए पुलिस मृतिका के शव का पोस्टमार्टम कराने पर अडी रही लेकिन परिजन नहीं माने और उसी को लेकर देर रात तक हंगामा चलता रहा रहा।

शव को सड़क में रख लांजी में प्रदर्शन करने के पुलिस को मिले इनपुट
बताया जा रहा है कि रात्रि करीब 10 बजे इसी मामले को लेकर पुलिस को सूचना मिली कि परिजन चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को लांजी सड़क में रख प्रदर्शन करने वाले हैं जहां इस सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों ने शव का अनिवार्य रूप से पोस्टमार्टम कराने की ठानी और शव को जिला अस्पताल के डी फ्रीजर में सुरक्षित रखवा दिया। जहां रात्रि अधिक होने के चलते शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका। वही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गुरुवार की सुबह शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए शव उनके परिजनों के सुपुर्द करने की बात कह रहे हैं हालांकि देर रात खबर लिखे जाने तक मृतिका के परिजन शव का पोस्टमार्टम ना कराने की बात पर अड़े रहे।

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