जिले के भीतर 8 स्थानों पर लगातार हो रही दुर्घटना बने ब्लैक स्पॉट !

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मध्यप्रदेश शासन द्वारा सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 3 वर्षों में जिन स्थानों पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई है उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित कर सूचना बोर्ड, स्पीड ब्रेकर सहित अन्य तरह के सेफ्टी प्रिकॉशन लिए जाने के आदेश दिए गए हैं। जिले के भीतर भी ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किए गए हैं। लेकिन प्रदेश शासन की दुर्घटना रोकने वाले आदेश का पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है।

आपको बता दें कि सांसद डॉक्टर ढालसिंह बिसेन द्वारा पूर्व में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को कई बार निर्देश कर चुके हैं कि कि जो दुर्घटनाजन्य क्षेत्र हैं जहां पर दुर्घटनाएं अधिक होती है जिन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चयनित किया गया है, वहां पर सूचना बोर्ड सहित अन्य सेफ्टी प्रिकॉशन बरते जाए। लेकिन सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी संबंधित विभाग इस आदेश का पालन करते दिखाई नहीं देते। नतीजा सड़क दुर्घटना पर अंकुश नहीं लग रहा है ! चलिए आपको बता देते हैं कि जिले के भीतर सड़क दुर्घटना के ग्राफ को देखते हुए किन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है।

3 वर्ष में सड़क दुर्घटना में 26 लोग की मौत हुई है। जिले में 8 ब्लैक स्पॉट बनाए गए है। जिसमे दुर्घटना वाले क्षेत्र से 500 मीटर का क्षेत्र शामिल है। जहां पर एक से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हो क्षेत्र को ब्लैक स्पॉट में शामिल किया गया है।

जिसमे ग्रामीण थाना क्षेत्र के कोसमी पीपल चौक से बगदरा चौक तक । 5 सड़क दुर्घटना हुई है। इस घटना में 2 लोग मरे है।

हट्टा थाना क्षेत्र में 2 स्पॉट बनाये गए है। गोंदिया रोड चिखला में 8 एक्सीडेंट जिसमे 3 लोगो ने अपनी जान गवाई। दूसरा स्थान सालेटेका चौराहा जहाँ एक्सीडेंट में 9 लोगों की मौत हुई है।

इसी तरह लालबर्रा क्षेत्र में 2 स्पॉट बनाए गए पहला स्थान मानपुर पेट्रोल पंप के पास जिसमें पांच सड़क दुर्घटना हुई है दो लोगों ने जान गवाई है।

दूसरा स्थान कंजई की बंजारी घाटी से मजार पुलिया तक 5 एक्सीडेंट में जिसमें 5 लोगों की मृत्यु हुई है।

वारासिवनी में क्षेत्र के वारासिवनी क्षेत्र के डोंगरिया ब्लैक स्पॉट बनाए गए हैं जहां पर 6 एक्सीडेंट हुए हैं 3 लोग मरे हैं।

रामयपाली थाना क्षेत्र के ग्राम कोलीवाड़ा में 6 घटना हुई है 5 लोगों की जान गई है।

कटंगी क्षेत्र की खिड़की घाट को चिन्हित किया गया है जहां पर 5 घटनाएं हुई है और 2 की मृत्यु हुई है।

आपको बताएगी 3 वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में 26 लोगों की जानें गई है ब्लैक स्पॉट 3 वर्ष के आधार पर ही चिन्हित किया जाता है।

यह तो रही से उस स्थान जहां पर दुर्घटना के दौरान लोगों ने अपनी जान गवाई लेकिन जिले में ऐसी भी कई स्थान है जहां पर समय-समय पर दुर्घटनाएं होती रहती है जिसमें बैहर रोड, परसवाड़ा रोड, लामता, नैनपुर मार्ग पर भी लगातार सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। लेकिन सभी जगह के हालात एक जैसे हैं।

ना कहीं सूचना का बोर्ड है ना कहीं सुरक्षा के कोई उपाय सड़क पर भगवान भरोसे चलते जाइए आप सही चल रहे हैं जरूरी नहीं सामने से आने वाला भी सही चल रहा हो, इसलिए स्वयं भी सुरक्षित चलिए और सामने वाले से भी सुरक्षित रहकर चलिए, यही सड़क सुरक्षा का मूल मंत्र बालाघाट जिले के भीतर दिखाई दे रहा है।

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