जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया देवउठनी एकादशी पर्व

0

हिंदू धर्मावलंबियों का प्रमुख पर्व देवउठनी एकादशी शुक्रवार को जिला मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण अंचलों में पूर्ण विधि-विधान के साथ मनाया गया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाले इस पर्व के दौरान भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम और तुलसी का विवाह वैदिक रीति रिवाज के अनुसार संपन्न कराया गया। घरों में चावल के आटे का चौक बनाकर उस पर गन्ने से पूजा की गई। पूजा अर्चना करने के बाद दीपावली पर्व की तरह पटाखे फोड़ कर आतिशबाजी भी की गई। जिसके चलते देर रात तक आतिशबाजी का दौरचलता रहा।

गन्ना सहित पूजन सामग्री की दिनभर होती रही खरीददारी
एकादशी ग्यारह (देवउठनी) पूजाके लिए सोमवार की सुबह से ही बाजार में गन्ने सहित अन्य पूजन सामग्री के लिएलोगों की बाजार में भीड़ रही। लोगों में पूजा को लेकर उत्साह दिखा। शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों में गन्ने के मंडप से तुलसी चौरा सजाने में जुट गए। घर द्वार को आकर्षक रंगोली से सजाया गया। टिमटिमाते बल्व की रोशनी से हर घर से मांगलिक आयोजन की झलक नजर आ रही थी, शाम ढलने के बाद तुलसी चौरा के समक्ष बैठकर पूजा विधान पूरा किया गया। उत्साह में लोगों ने आतिशबाजी करते रहे। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से सोए हुए देवगण देवउठनी
एकादशी पर जागते हैं।

घर आंगन में मंडप सजाकर की गई पूजा अर्चना
देवउठनी पर घर आंगन में गन्ने का मंडप बनाकर तुलसी के बिरवे को रखकर उसमें शालिग्राम को स्थापित कर भगवान की पूजा की गई। भगवान को नए फल सिंघाड़ा, सीताफल, मूली, शकरकंद चढ़ाकर शाम को मंगल गीतों और आरती के साथ शालिग्राम और तुलसी का विवाह
रचाया गया। इस दौरान घरों में उत्सव का माहौल रहा। घरों की साफ-सफाई के बाद शाम को रंगोली सजाई गई। भगवान को मौसमी फलों के साथ गन्ना, सिंघाड़ा,
मूंगफली, चना भाजी, बेर का प्रसाद चढ़ाया गया। इस दौरान घरों में रोशनी की गई और घर के बाहर दीए जलाए गए।बच्चों ने दीपावली से ही तुलसी विवाह के लिए बचाकर रखे गए पटाखे फोड़े।देर रात तक पटाखों की गूंज सुनाई देती रही। व्रतियों के लिए बाजार में कई जगहों पर सिंघाडा, मूंगफली, गन्ने, बेर व मौसमी फलों की दुकानें सजी थी।सुबह से ही इन दुकानों में ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।

मांगलिक कार्यों की हुई शुरुवात
देवशयनी के बाद से बंद मांगलिक कार्य देवउठनी एकादशी से शुरू हो गए। शुक्रवार को लोगों ने अबुझ मुहूर्त में पहले
से ही शादी की तैयारी कर ली थी। इसके कारण जिले में कई जगह शुक्रवार को वैवाहिक कार्यक्रम भी संपन्न कराए गए । क्यों की मांगलिक कार्यों का आज से शुरुआत हो चुकी है इसलिए आज के बाद आने वाले सभी शुभ मुहूर्त में लोग मांगलिक कार्य संपन्न कराएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here