अल्लाह के नबी हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माईल अलैह सलाम की याद में मनाया जाने वाला पर्व “ईदुल अजहा” सोमवार को जिला मुख्यालय सहित तहसीलों व अन्य ग्रामीण अंचलों में मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान जहां मुस्लिम बंधुओं ने जिले की तमाम ईदगाहो व मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा की ,तो वही एक दूसरे को गले लगाकर, ईद की बधाइयां दी।खुशियों के इस पर्व ईदुल अजहा के खास मौके पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में सुबह से लेकर देर रात तक रौनके बनी रही।जहा लोग एक दूसरे से मिलकर ईद की मुबारकबाद पेश करते नजर आए।हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल अलैह सलाम की याद में मनाया जाने वाले ईदुल अजहा के इस खास पर्व पर घर- घर बकरों की कुर्बानी दी गई। जिसके गोश्त को गरीबो, यतीमो, बेसहरो, रिश्तेदारो औऱ सामाजिक बन्धुओ के बीच तकसीम कर उन्हें भी अपनी इस खुशियों में शामिल किया गया।पर्व विशेष की शुरुवात सोमवार सुबह फज्र की नमाज़ के साथ की गई ,जहां मुस्लिम बंधुओं ने फर्ज की नमाज अदा कर पर्व विशेष की तैयारी शुरू कर दी। जहां नगर मुख्यालय सहित जिले भर की ईदगाहो व नगर सहित जिले भर की अलग-अलग मस्जिदों में तय किए गए वक्त के अनुसार लोग विशेष नमाज अदा करने पहुंचे ।जहां इमाम द्वारा दिए गए उद्बोधन के बाद नमाज का तरीका बताया गया।जिसके तुरंत बाद सामूहिक रूप से ईदुल अजहा की नमाज अदा की गई। जिसके उपरांत खुतबा और दुआओं का दौर शुरू हुआ। जहां भारी तादात में उपस्थित मुस्लिम बंधुओं ने देश में अमन, चैन ,शांति ,आपसी भाईचारे और मुल्क की तरक्की के लिए सामूहिक रूप से दुआएं मांगी। वही एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाइयां पेश की।
गरीब बेसहारों की मदद ही असली ईद हैं।
पुलिस लाईन स्थित ईदगाह और मस्जिदों में अदा की गई ईदुल अजहा की इस विशेष नमाज के पूर्व तमाम इमामो ने,अपने ब्यान में गरीब बेसहारों की मदद करने को, ईद के असली मायने बताए। जिन्होंने अपने बयानों में सभी लोगों को मिलजुल कर रहने, नियम कानूनों का पालन करने, गरीब बेसहारों की मदद करने की बात कही।उन्होंने कहा कि आज वह दिन है जिस दिन का इंतजार कई गरीब बेसहारा यतीम लोग करते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि कोई उन्हें भी अपनी इस ईद की खुशी में शामिल करें इसीलिए चाहिए कि सबसे पहले ईद की खुशियों में गरीब यतीम बेसहारों को याद किया जाए, उनकी मदद की जाए, उनकी जरूरतों को पूरा किया जाए यही ईद के सच्चे मायने हैं। दिखावे के लिए कोई काम करना शिर्क में शामिल होगा। वही इमामो ने ईदुल अजहा का वाकया बयान कर नमाज अदा कराई।और सामूहिक दुवाए कर लोगो ने एक दूसरे को गले लगाकर ईद पर्व की बधाइयां दि।
मुस्लिम बन्धुओ ने पेश की कुर्बानी
धार्मिक मान्यतानुसार के अनुसार ईदुल अजहा का पर्व अल्लाह के नबी हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माईल की याद में मनाया जाता है। नबी इब्राहिम का पूरा जीवन अल्लाह की परीक्षा में ही गुजरा, काफी वर्षो बाद अल्लाह के नबी इब्राहिम को एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी। जिसका उन्होंने प्यार से नाम इस्माईल रखा था। जिससे वह अल्लाह के बाद बेपनाह प्यार करते थे ।अल्लाह के नबी इब्राहिम जानते थे कि अल्लाह के बाद उनकी सबकी कीमती चीज उनका पुत्र इस्माईल है, इस पर अल्लाह ने उनकी परीक्षा लेनी चाही और सबसे कीमती (अजीज) की कुर्बानी पेश करने का हुक्म दिया।जो अल्लाह के कहे अनुसार अपने पुत्र को अल्लाह की राह में कुर्बान करने तैयार हो गये और ईदुल अजहा के दिन अल्लाह के नबी इब्राहिम अपने अजीज पुत्र इस्माईल को कुर्बान करने कुर्बानी स्थल मीना ले गये। जहां उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए उसकी आंख और अपनी आंख में पट्टी बांध दी, ताकि कुर्बानी का यह दृश्य देखकर दोनो का ईरादा न बदले और जैसे ही हजरत इब्राहिम ने अपने पुत्र के गले पर छुरी चलाई और जब अपनी आंख से पट्टी खोली तो देखा कि कुर्बानी स्थल पर एक दुंबा( भेड़) पड़ा था और पुत्र इस्माईल पास ही खड़े मुस्करा रहे थे। जिसे याद करने के लिए प्रतिवर्ष मुस्लिम धर्मावलंबियो द्वारा ईदुल अजहा पर्व पर अपनी हैसियत के हिसाब से अल्लाह की राह में, अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी पेश की जाती है।जो हर साल की तरह इस साल भी की गई।वही उसका गोश्त गरीब बेसहारा यतीमो औऱ रिस्तेदारो में बाटा गया ताकि वह भी ईद मना सके।
सुरक्षा के दिखे पुख्ता इंतजाम
ईदुल अजहा के इस खास मौके पर पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज और पर्व विशेष को लेकर जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले। जहां पुलिस लाइन स्थित ईदगाह और नगर की तमाम मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद नजर आए, तो वही सुबह से लेकर देर शाम तक मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पुलिस जवान सुरक्षा में लगे रहे। वही शांतिपूर्ण तरीके से हर साल की तरह इस साल भी ईदुल अजहा का यह पर्व संपन्न हुआ।
अमनो अमान का दिया गया सन्देश
सोमवार को ईदुल अजहा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगर में ईदुल अजहा की विशेष नमाज ईदगाह में सामुहिक रूप से अदा की गई तो वही मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा कराई गई। जहा नमाज मुकम्मल कर इमामो में सामुहिक रूप से दुआएं की, वहीं मुल्क में सौहार्द्र और आपसी भाईचारा बनाने सहित अमनो अमान का संदेश दिया गया।