व्हाइट हाउस ने यूक्रेन-रूस संघर्ष की पृष्ठभूमि में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए की गई पीएम मोदी की टिप्पणी ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’ की सराहना की। ह्वाइट हाउस ने इसे जी20 संयुक्त घोषणा पत्र में जोड़ने में पीएम मोदी की भूमिका की सराहना की। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन सफल रहा और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से बात की और संयुक्त घोषणा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
जीन पियरे ने कहा हमने जी20 शिखर सम्मेलन सफल किया। राष्ट्रपति बाइडन ने पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ बात की। भारत ने शिखर सम्मेलन की घोषणा पर बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए। मोदी ने यूक्रेन-रूसी संघर्ष की पृष्ठभूमि में इस साल सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में पुतिन को दिए अपने बयान में कहा था आज का युग युद्ध का नहीं है।
बुधवार को अपनाए गए जी20 संयुक्त घोषणा के अनुसार शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून और बहुपक्षीय प्रणाली को बनाए रखना आवश्यक है। इसमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों की रक्षा करना और सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना शामिल है। आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को दूर करने में पीएम मोदी की भूमिका की भी सराहना की और भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के लिए अमेरिकी समर्थन को दोहराया। जीन-पियरे ने कहा हमने मौजूदा खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों और एक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रयासों को संबोधित किया। इस परिणाम के लिए पीएम मोदी के संबंध महत्वपूर्ण थे। हम अगले साल भारत के जी20 अध्यक्ष का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं। महामारी के दौरान, भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। वहीं कई जरूरतमंद देशों को खाद्यान्न की आपूर्ति भी की गई। खाद्य सुरक्षा के लिहाज से उर्वरकों की मौजूदा कमी भी एक बहुत बड़ा संकट है। आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा।
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौते का निर्माण करना चाहिए। भारत में, स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए, हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। हम सभी को अगले साल अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष को बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए।