जेल में कैदियों के स्वास्थ्य की हुई जांच, सलाह भी दी

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शहीद जन नायक टंट्या भील जेल में गुरुवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम और टीबी हारेगा-देश जितेगा अभियान के तहत कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। करीब 100 कैदियों के ब्लड सैंपल लिए गए। इसमें से एक कैदी में भी इन बीमारियों के लक्षण नहीं मिले। कैदियों को एचआइवी के प्रति भी जागरूक किया गया।

गुरुवार को जेल में कैदियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। यहां एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। सुबह से यहां जिला अस्पताल के डा. नितिन कपूर और उनकी टीम ने कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम जेल के स्टाफ के साथ कैदियों के खून की जांच कर रही थी। इसके लिए जेल में अलग व्यवस्था की गई थी। यहां एक-एक कर कैदियों से खून के सैंपल लेकर मौके पर ही जांच कर डाक्टर रिपोर्ट देते रहे। इस तरह से दोपहर करीब दो बजे तक करीब सौ कैदियों की जांच की गई। इस दौरान डा. नितिन कपूर और जेल अधीक्षक प्रभारी ललित दीक्षित ने कैदियों को अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया। डा. कपूर ने कैदियों से कहा कि उन्हें किस तरह से सफाई से रहना है। खाना खाते समय किन-किन चीजों का ध्यान रखना है। इसके अलावा दूषित खाना न खाएं ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।

एड्स को लेकर किया जा रहा जागरूक

जेल में एचआइवी एड्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जेल में कैदियों का एचआइवी टेस्ट भी किया जा रहा है। जेल में आने वाले हर एक नए कैदी की जांच की जाती है। गुरुवार को भी स्वास्थ्य विभाग और अभियान से जुड़े कर्मचारियों ने कैदियों को एचआइवी बीमारी के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया कि यह बीमारी कैसे होती है। इसके साथ यह भी बताया कि एड्स पीड़ित के साथ बुरा बर्ताव नहीं करें। यह बीमारी छूने से नहीं फैलती है। इस अभियान में अपनी सराहनीय भूमिका निभाने पर प्रभारी जेल अधीक्षक ललित दीक्षित को सीएचएमओ डा. डीएस चौहान और डा. शक्तिसिंह राठौर ने प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चि- भेंट किया। इसके साथ ही इस अभियान में सहयोगियों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चि- भेंट किए गए।

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