जेल में बंद धारा 307 का आरोपी बना सरपंच,समर्थकों ने जेल के बाहर खेली होली !

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के तहत संपन्न कराए गए हट्टा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पारसपानी में मारपीट के एक मामले में एंट्रोसिटी एक्ट और धारा 307 के तहत जेल में बंद एक प्रत्याशी रामेश्वर चौधरी ने पंचायत चुनाव जीत लिया है।

8 जुलाई की देर रात चुनाव परिणाम आते ही उनके समर्थक 9 जुलाई दिन शनिवार को जिला जेल पहुंचे जहां उन्होंने जेल के बाहर गुलाल उड़ाकर रामेश्वर चौधरी की जीत का जश्न मनाया और उन्हें जल्द से जल्द जेल से रिहा करने की मांग की है।

आपको कि ग्राम पंचायत पारसपानी में नवनिर्वाचित सरपंच रामेश्वर चौधरी मारपीट के एक मामले में पिछले 3 माह से जेल में बंद हैं। जिन्होंने न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 21 मतों से हराकर पंचायत का चुनाव जीता है।

आपको बताएं कि न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल में रहकर चुनाव लड़ने और जेल से ही चुनाव जीतने का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इसके पूर्व दो मामले ऐसे ही आ चुकी है जिसमें प्रत्याशी ने न सिर्फ जेल में रहकर चुनाव लड़ा बल्कि जेल में ही रहकर वे चुनाव जीते भी हैं। पहला मामला लांजी विधानसभा क्षेत्र में एक समय हुए विधानसभा चुनाव में सामने आया था। जहां एक मामले में जेल में बंद प्रत्याशी किशोर समरीते ने जेल में रहकर ही विधानसभा जीता था और वह विधायक बने थे।

 वही दूसरा मामला हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में किरनापुर जनपद पंचायत क्षेत्र में देखने को मिला है। जहां 1 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव में ग्राम पंचायत जामड़ी मेटा में सरपंच पद के चुनाव में मनी डबलिंग के आरोपी अजय तिड़के ने जेल में रहते हुए ही पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। जहां 1200 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग कर अजय तिड़के को 905 वोटों देकर सरपंच पद के लिए जीत दिलाई है।

उसके बाद यह तीसरा मामला देखने को मिल रहा है जहां 3 महीनों से जेल में बंद रामेश्वर चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में 8 जुलाई को अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी को 21 मतों हराकर  पंचायत का चुनाव जीता है ।

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