जैन संतों का हर्ष उल्लास के साथ हुआ नगरागमन

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नगर में श्री श्वेतांबर जैन श्रीसंघ वारासिवनी एवं सहजानंदी चातुर्मास समिति के तत्वाधान में 18 जुलाई की सुबह जैन संतों का हर्षोल्लास के साथ नगरागमन हुआ। यह प्रवेश संतों का नगर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक से हुआ। जिसमे परम पूज्य अध्यात्मयोगी उपाध्याय भगवंत श्री महेंद्रसागर जी म.सा. एवं परम पूज्य युवामनीषी उपाध्याय भगवंत श्री मनीषसागर जी म.सा के सूशिष्य परम पूज्य श्री विराट सागर जी म.सा., परम पूज्य श्री शासनरत्न सागर जी म.सा., परम पूज्य श्री आत्मवर्धन सागर जी म.सा. का हर्ष उल्लास के साथ श्री श्वेतांबर जैन समाज के द्वारा शोभायात्रा के माध्यम से नगर में प्रवेश कराया गया। जो नगर के बस स्टैंड जय स्तंभ चौक नेहरू चौक का भ्रमण करते हुए दादाबाड़ी पहुंचे। इस दौरान नगर ही नहीं जिले के विभिन्न विकासखंड से श्वेतांबर जैन समाज के सदस्यों ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर संतों का आशीर्वाद ग्रहण किया सभी के द्वारा श्री श्वेतांबर जैन मंदिर का भी भ्रमण किया गया जहां पर सभी के द्वारा सामूहिक प्रार्थना की गई। इसके बाद दादाबाड़ी के सभा कक्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जहां पर चातुर्मास को लेकर संतो के द्वारा संक्षिप्त उद्बोधन दिया गया। इस आगमन के दौरान नेहरू चौक पर समाज के बालक बालिकाओं के द्वारा मंच पर बेहतरीन प्रस्तुति दी गई जिसका आनंद एवं संदेश सभी उपस्थित जनों के द्वारा लिया गया। विदित हो कि यह जो संतों का नगरागमन हुआ है वह चातुर्मास को लेकर हुआ है क्योंकि वर्षा काल चल रहा है ऐसे में संत परंपरा में चातुर्मास यानी 4 महीने के लिए स्थिरता बनी रहेगी। जिसमें यह जैन संतो के द्वारा नगर में निवास कर निर्धारित प्रक्रिया के तहत विभिन्न कार्यक्रम कर प्रवचनों के माध्यम से समाज में जागरण और धर्म के बारे में बताया जाएगा। जिसके लिए नगर में सहजानंद जी चातुर्मास समिति का गठन किया गया है जिसके द्वारा यह चार महीने का चातुर्मास संचालित करवाया जाएगा। उक्त संबंध में जानकारी देते हुए समाज सदस्य विनोद संचेती ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे यहां धार्मिक परंपरा चातुर्मास की है जिसमें चार महीने वर्षा का वास रहता है हमें हमारी वर्षों की मेहनत फलीभूत हुई है। संतों का चातुर्मास मिला है यह चार माह स्थिरता रहेगी संतो को यहीं पर रहना होगा। बारिश में अत्यधिक झाड़ियां जीव जंतु उत्पन्न होते हैं ऐसे में हिंसा से बचने के लिए यहां व्यवस्था है कि साधु संत एक स्थान पर रहते हैं यह चार महीने रहेगा इस दौरान संतो के द्वारा यहां पर तपस्या ज्ञान और एक निश्चित कार्यक्रम के तहत आयोजन होंगे जिसमें सुबह 4:00 बजे से कार्यक्रम प्रारंभ होंगे। श्री संचेती ने बताया कि संतों का आगमन होने पर हमारे द्वारा आसपास के विकासखंड से श्वेताम्बर जैन समाज के सदस्यों को बुलाया गया था जिसमें कटंगी लालबर्रा बालाघाट सहित अन्य नगर के लोग आए थे सभी ने साथ में मिलकर संतों का नगर प्रवेश कराया और अभिनंदन कार्यक्रम किया। इस दौरान बच्चों के द्वारा एक धार्मिक नाटक प्रस्तुत किया गया जिससे एक धार्मिक संदेश दिया गया तत्पश्चात संतों के द्वारा सभी का आभार कर चातुर्मास को लेकर एक संक्षिप्त उद्बोधन दिया गया। इस अवसर पर श्री श्वेतांबर जैन श्री संघ के पदाधिकारी सदस्य सहित स्वजातीय बंधु बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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