केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ (आसमान से दवाएं) परियोजना की शुरुआत की। इसके तहत ड्रोन की मदद से दवाओं और टीके की आपूर्ति की जाएगी। शुरुआत में पायलट परियोजना के तहत तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में इसके जरिए दूर-दराज के इलाकों में दवाएं और टीके पहुंचाए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘(तेलंगाना के) 16 ग्रीन जोन में ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना शुरू की जाएगी। इसके आंकड़ों का विश्लेषण तीन महीने तक किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केन्द्र के साथ मिलकर हमलोग आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे और पूरे देश के लिए मॉडल विकसित करेंगे। आज ना सिर्फ तेलंगाना बल्कि पूरे देश के लिए क्रांति का दिन का है।
क्या है प्रोजेक्ट की खासियत?
इस ड्रोन का निर्माण PHFI (पब्लिक हेल्थ फाइंडेशन ऑफ इंडिया) और मरुत ड्रोन्स ने मिल कर किया है। इसे खास तौर पर मेडिकल सप्लाई का लोड लेने के लिए डिजाइन किया गया है। ये ड्रोन 4 टाइप के बॉक्स ले जा सकते हैं और चारों बॉक्स अलग-अलग तापमान को मेंटेन कर सकते हैं। इस वजह से ये वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कहीं भी ले जा सकते हैं। इसकी मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक जीवनरक्षक दवाएं और ब्लड भी पहुंचाया जा सकता है। नई ड्रोन पॉलिसी के तहत ग्रीन जोन के तहत ड्रोन के संचालन/उड़ान के लिए किसी पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ को तेलंगाना ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, नीति आयोग और हेल्थनेट ग्लोबल (अपोलो अस्पताल) के साथ मिलकर शुरू किया है। ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना की शुरुआत करते हुए सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार की नयी ड्रोन नीति ने नियमों में ढील देते हुए देश में ड्रोन के उपयोग को आसान बना दिया है। इस वजह से ड्रोन का जरुरी सेवाओं के लिए इस्तेमाल सुविधाजनक हो गया है।