नवरात्रि पर्व जिले भर में बहुत आस्थाभाव के साथ धर्ममय वातावरण में मनाया गया। चैत्र नवरात्र पर्व के अंतिम दिन नवमी के अवसर पर रविवार को सभी देवी मंदिरों में हवन पूजन सहित अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गये, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर धर्म लाभ अर्जित किया।
आपको बताएं कि चैत्र नवरात्रि पर्व 2 अप्रैल से प्रारंभ हुआ, नवरात्र पर्व के पहले दिन से ही मातारानी की भक्ति का दौर प्रारंभ हो गया था जो पूरे दिन चलता रहा। कई भक्तों ने पूरे नवरात्र पर्व पर उपवास रखकर पूरी तल्लीनता के साथ मातारानी की उपासना की। पूरे नवरात्र पर्व के दौरान देवी मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ रही, भक्तों द्वारा देवी मंदिरों में आकर माता रानी की पूजा अर्चना कर परिवार के सुख समृद्धि के लिए कामना की गई।
नवरात्र पर्व के दौरान देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश स्थापित किए जाते हैं तथा उनका नवमी के दिन विधिविधान के साथ विसर्जन किया जाता है। देवी मंदिरों में स्थापित किए गए ज्योति कलशो का रविवार की शाम नवमी के अवसर पर कलश शोभायात्रा निकालकर कुंड में विसर्जन किया गया।
नगर के जय स्तंभ चौक के समीप स्थित मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर से शोभायात्रा निकालकर वही समीप में बनाये गए कुंड में ज्योति कलशो का पूरे आस्थाभाव के साथ विसर्जन किया गया। मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर में इस वर्ष 251 मनोकामना ज्योति कलश स्थापित किये गए थे।
इसी प्रकार मां कालीपाठ मंदिर और हनुमान चौक स्थित दुर्गा मंदिर में स्थापित किये गए ज्योति कलशो का शोभायात्रा निकालकर कुंड में विसर्जन किया गया। शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं शामिल रही।
देवी मंदिरों के अलावा श्रद्धालु भक्तजनों द्वारा घरों में भी जवारे बोये गये थे, जिनका पूरे 9 दिनों तक भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना की गई वही नवमी के दिन जवारो का विसर्जन किया गया। सभी विसर्जन स्थलों में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण अंचलों में भी जवारे विसर्जन शोभायात्रा निकालकर भक्तिभाव के साथ किया गया।
इसी तरह शहर की इतवारी गंज स्थित पिपलेश्वर महादेव मंदिर में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सभी नव दिन धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया इस दौरान पंचमी के अवसर पर महाकाली की प्राण प्रतिष्ठा की गई वही नवमी के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान हवन पूजन और नौ कन्याओं को भोजन करवाया गया।