टीम के बाहर रहकर भी तैयारी में जुटे रहे थे इंदौर के वेंकटेश अय्यर

0

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में धूमकेतू बनकर उभरे कोलकाता नाइटराइडर्स के बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर के अनुसार वे टीम से बाहर बैठकर भी लगातार तैयारी कर रहे थे और मौके का इंतजार था। जैसे ही मौका मिला अपनी क्षमता साबित की। नया खिलाड़ी होने के कारण उनसे किसी को बहुत ज्यादा उम्मीद भी नहीं थी, इसलिए दबाव भी कम था। आईपीएल के बाद वेंकटेश को बीसीसीआई ने टी-20 विश्व कप के लिए दुबई में ही रुकने को कहा है। इस बीच आईपीएल के पहले चरण में मौका न मिलने से लेकर दूसरे चरण में सबसे अहम खिलाड़ी बनने तक के सफर को वेंकटेश ने कपीश दुबे के साथ साझा किया। पेश है उनके बातचीत के मुख्य अंश :

प्रश्न – हर खिलाड़ी सफल होना चाहता है, लेकिन जितनी सफलता आपको मिली, क्या उसकी उम्मीद थी?

वेंकटेश – मैं बहुत आगे की नहीं सोचता हूं। मैं मौका मिलने का इंतजार कर रहा था। जब मौका मिला तो अपनी क्षमता साबित की। मगर सच कहूं तो इतनी सफलता और नाम मिलेगा, इसके बारे में तो मैंने भी नहीं सोचा था

प्रश्न – ऐसा क्या हुआ कि जिस बल्लेबाज को पहले चरण में मौका नहीं मिला, वह दूसरे चरण में टीम की जरूरत बन गया?

वेंकटेश – मैं टीम प्रबंधन की नजर में पहले से था, लेकिन मेरे लिए जो जिम्मेदारी तय की थी वह जगह खाली नहीं थी। जब यूएई पहुंचे तो ओपनर की जगह खाली थी। यहां अभ्यास मैचों में मैंने अच्छी बल्लेबाजी की, खासकर मेरी गेंदबाजी से कोच ब्रेंडन मॅक्कुलम प्रभावित हुए। उन्होंने बुलाकर कहा कि तुम्हारे खेलने के मौके हैं, तैयार रहो।

प्रश्न – आप बहुत आत्मविश्वास से बल्लेबाजी करते दिखते हो। मगर जब पहला मैच खेलने उतरे तो क्या दबाव था?

वेंकटेश – नए खिलाड़ी से किसी को बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं होती, इसलिए मुझपर दबाव तो नहीं था। मगर मैं अंदर से थोड़ा नर्वस जरूर था, क्योंकि पहला मैच खेलने जा रहा था। यह बात कोच को भी पता थी, तो उन्होंने मुझे बिना दबाव के खेलने को कहा था।

प्रश्न – क्या ऐसा भी कोई लम्हा था जब दबाव महसूस किया?

वेंकटेश – दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में दबाव में था। मैं आउट हो चुका था और अंतिम ओवरों में टीम के विकेट गिरने से मैच फंस गया था। तब थोड़ा तनाव में था।

प्रश्न – क्या किसी टीम या गेंदबाज के खिलाफ मुश्किल हुई?

वेंकटेश – हमारी टीम में लौकी फर्ग्युसन, सुनील नरेन जैसे गेंदबाज हैं, जिनके खिलाफ अभ्यास करते हुए मुझे आत्मविश्वास आया। विपक्षी गेंदबाजों की बात करें तो दिल्ली के आवेश खान के खिलाफ खेलते हुए रोमांच और नर्वस दोनों था। हम मप्र के लिए साथ खेलते हैं, इसलिए एक-दूसरे की ताकत और कमजोरी पता है। आवेश भी लीग में फार्म में था।

प्रश्न – आइपीएल के दूसरे चरण के लिए क्या खास तैयारी की थी?

वेंकटेश – मैं जब इंदौर में था, तब नियमित मप्र के कोच चंधकांत पंडित और मेरे कोच दिनेश शर्मा के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रहा था। मैंने आक्रामक शॉट्स के साथ अपने डिफेंस पर बहुत काम किया था, जो यहां काम आया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here