भारतीय रेलवे ने कवच नाम की सुरक्षा प्रणाली तैयार की है जिससे अब रेल हादसों को रोका जा सकता है। आगरा रेल मंडल के मथुरा-पलवल खंड में चल रहीं ट्रेनों को भारतीय रेल का नया सुरक्षा कवच मिलेगा। ट्रेनों को ट्रेन कोलिजन सुरक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेटिफिकेशन (आरएफएआई) उपकरणों से युक्त ट्रेनें हादसों से बच सकेंगी। ये सिस्टम यात्री रेल और मालगाड़ी ट्रेन दोनों में लगेंगे। इलेक्ट्रानिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेटिंफिकेशन उपकरणों से लैस सिस्टम को लोकोमोटिव तथा सिग्नल सिस्टम के साथ-साथ पटरियों में भी स्थापित किया जाता है। कोई भी दो ट्रेन पटरी पर एक दूसरे की तरफ तेज गति से दौड़ी तो यह सिस्टम ट्रेन के चालकों को तो सतर्क करेगा और खुद ही ट्रेन को रोक देगा। इससे ट्रेन हादसे होने की संभावना कम होगी। बृहस्पतिवार को मंडल रेल कार्यालय में मथुरा-पलवल के बीच स्थापित होने वाले आरएफआई सिस्टम का प्रस्तुतीकरण संकेत एवं रेल संचार विभाग तथा ओईएम कंपनी एचबीएल द्वारा किया गया। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक आनंद स्वरूप सहित मथुरा के रेल अधिकारी भी मौजूद रहे। ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (टीसएएस) के नाम से जाने जानी वाली सुरक्षा प्रणाली को रेलवे ने कवच नाम दिया गया है। इसके तहत ट्रेन और सिग्नलिंग सिस्टम के साथ रेल पटरियों के बीच भी इस प्रकार का रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेटिफिकेशन उपकरण सेट लगाया जाता है जिससे सिग्लन मिल सकें। यदि ट्रेन एक दूसरे से निर्धारित दूरी पर एक ही रेल लाइन पर होती हैं तो पहले रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए ऑटोमेटिक सिस्टम चालकों को सतर्क करेगा बाद में वह ऑटोमेटिक तरीके से पास-पास रहने वाली ट्रेनों को रोक देगा।