मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजय पाल तथा न्यायमूर्ति डीडी बंसल की खंडपीठ ने पीएससी परीक्षा 2019 की चयन प्रक्रिया के मामले को सुनने से इनकार कर दिया। संयुक्त खंडपीठ ने कहा कि यदि सिंगल बेंच ने फैसले की व्याख्या करने में कोई गलती की है,तो उसका निराकरण सिंगल बेंच ही करेगी।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी हर्षित जैन एवं अन्य ने पीएससी के उस फैसले को अवैधानिक बताया। जिसमें 2019 की परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह एवं अन्य ने दलील दी कि पीएससी की परीक्षा निरस्त होने से हजारों उम्मीदवारों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी, कि 2019 की परीक्षा के बाद पूरी चयन प्रक्रिया निरस्त करने के स्थान पर कुछ उम्मीदवारों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित की जाए।