प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जहां एक ओर विभिन्न व्यवसायी अपने व्यवसाय को ऊंचा उठाकर अधिक धन लाभ अर्जित करने के लिए साम, दाम , दंड-भेद की नीति अपना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर मेडिकल सेवाओं के नाम पर संचालित निजी अस्पताल के संचालक भी अब इस प्रतिस्पर्धा में कुद चुके हैं।
निजी अस्पताल में मरीजो को लाने वाले लोगो को खुल्लम-खुल्ला एक से बढ़कर एक ऑफर दे रहे है। जहा वे मरीजों को उनके अस्पताल में लाने वाले लोगों को नगद रकम ,इनाम, कमीशन देने का लालच देने से भी पीछे नही हट रहे है। जो अपने इस ऑफर को शोशल मीडिया पर भी प्रसारित कर रहे है।
दरअसल यह मामला नगर के हनुमान चौक में संचालित जीएसके हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर का है जहां गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी कराने के लिए उनके हॉस्पिटल में लाने वाली आशा कार्यकर्ताओं को नगद रुपए का लालच और उचित इनाम के साथ -साथ कमीशन देने का प्रलोभन दिया जा रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला हमारे संज्ञान में आया था । जिसके लिए एक जांच बनाकर हनुमान चौक स्थित संबंधित अस्पताल का निरीक्षण कराया गया है जिसमें यह पता लगाया गया है कि कितनी प्रसूताओं को आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से डिलीवरी के लिए उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस विषय पर जब हमने शहर के हनुमान चौक स्थित जी एस के हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर के प्रबंधन से चर्चा करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। वही एक नंबर के माध्यम से लगातार सोशल मीडिया में आशा कार्यकर्ताओं को लालच देने का विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है उस नंबर मोबाइल नंबर पर भी हमने जब संपर्क करने की कोशिश की तो उक्त नंबर पर कॉल रिसीव नहीं किया गया।