नई दिल्ली : अमेरिका में नए राष्ट्रपति के शपथ की तारीख करीब आ रही है। ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर बाइडन प्रशासन के सदस्यों के साथ-साथ ट्रंप 2.0 के प्रमुख सदस्यों से मिलने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान वह आने वाले प्रशासन की प्राथमिकताओं और अगले चार वर्षों के लिए भारत की अपेक्षाओं पर चर्चा की जा सके।
जयशंकर की यात्रा से पहले विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और प्रबंधन एवं संसाधन उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा के साथ बैठक की। हमारे सहयोगी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने सबसे पहले बताया था कि जयशंकर और मिसरी इस महीने अमेरिका का दौरा करेंगे। साथ ही नए ट्रंप प्रशासन के सदस्यों से बातचीत करेंगे।
भारत के एजेंडे में क्वाड समिट
जयशंकर और मिसरी के एजेंडा में क्वाड समिट शामिल है। भारत 2025 में इसकी मेजबानी करने वाला है। आईसीईटी, दक्षिण एशिया की स्थिति, खालिस्तानी उग्रवाद और रक्षा साझेदारी इसमें प्रमुख मुद्दा रहेगा। ट्रंप टीम के साथ चर्चा, व्यापार और टैरिफ पर राष्ट्रपति के फोकस के अलावा, इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर साझेदारी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहने की संभावना है।
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड
एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में ‘अमेरिका-भारत संबंध: आंकड़ों के अनुसार’ विषय पर एक प्रस्तुति में रिचर्ड वर्मा ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार 2000 में 20 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 195 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि इसी अवधि में रक्षा व्यापार शून्य से बढ़कर 24 बिलियन डॉलर हो गया है। उन्होंने कहा कि 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 200 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद है।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या 2000 में मात्र 54,664 से बढ़कर 2023 में 330,000 से अधिक हो गई है। जबकि भारतीय प्रवासियों की जनसंख्या 2000 में 19 लाख से बढ़कर अब 50 लाख से अधिक है। वर्मा ने कहा कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन ने वरिष्ठ पदों पर रिकॉर्ड संख्या में 130 भारतीय अमेरिकियों को नियुक्त किया है।