ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच प्रोग्राम लॉन्च, दक्षिण एशिया में पहली बार ड्रोन का कॉमर्शियल इस्तेमाल

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को पूर्वोत्तर में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच (i-Drone) प्रोग्राम को लॉन्च किया। इसके तहत मणिपुर में बिश्नुपुर से करंग स्वास्थ्य केंद्र, लोकटक लेक, मणिपुर ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाई गई। पूर्वोत्तर भारत में ‘ड्रोन आधारित वैक्सीन वितरण प्रणाली’ के लिए आईसीएमआर की पहल को लॉन्च करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “दक्षिण एशिया में पहली बार ड्रोन का कॉमर्शियल फ्लाइंग हुआ है। 15 मिनट में 31 किमी की दूरी तय करके बिष्णुपुर जिला अस्पताल से करंग स्वास्थ्य केंद्र, लोकटक लेक, मणिपुर तक टीकों को पहुंचाया गया। इस दूरी में आमतौर पर 3-4 घंटे लगते हैं।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘ड्रोन के इस्तेमाल की शुरुआत वैक्सीन से हुई है। आने वाले दिनों में इसका कई कामों में उपयोग किया जा सकता है। दूर से दूर इलाके में गांव से पहाड़ तक, खेतों से जंगल तक, मैदानों से लेकर आईलैंड तक और फर्टिलाइजर से लेकर वैक्सीनेशन तक अच्छी तरह से ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं। वैक्सीन ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ, ड्रोन तकनीक अंतिम मील तक स्वास्थ्य संबंधी आपूर्ति को गति देगी और जीवन रक्षक और आपातकालीन दवाओं की आपूर्ति के दायरे का विस्तार करेगी.’

स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन पर भी जानकारी देते हुए बताया कि सभी को टीका उपलब्ध कराने के लिए नया चरण 21 जून 2021 से शुरू किया गया था। उसके बाद से टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिए बढ़ाया गया है। अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू रूप दिया जा सके।

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