प्रयागराज में अतीक अहमद के आतंक की कहानी आज से करीब 45 साल पहले शुरू होती है। प्रयागराज तक इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था और यहां फिरोज तांगेवाले का बेटा अतीक अहमद 17 साल की उम्र में पहली बार जुर्म की दुनिया में दस्तक देता है। मात्र 17 साल की उम्र में ही अतीक अहमद पर हत्या का आरोप लग चुका था। इसके बाद अतीक ने धीरे-धीरे जरायम की दुनिया में पैर जमाना शुरू किया और रंगदारी को ही अपना मुख्य धंधा बना लिया। 23 की उम्र तक अतीक ने अपराध की दुनिया में मजबूत पकड़ बना ली और प्रयागराज इलाके में तब के सबसे बड़े अपराधी 5 वर्ष में ही अतीक ने अपराध की दुनिया में पहचान मजबूत कर ली। तब के बड़े अपराधी चांद बाबा से खुन्नस रखने वाले रसूखदार लोगों ने अतीक को समर्थन करना शुरू कर दिया था।
अतीक कुछ ही समय में बड़े गिरोह वाला अपराधी बन चुका था। चांद बाबा के गिरोह पर भारी पड़ने लगा था। अपराध की दुनिया में ताकत और दौलत कमाने के बाद अतीक अहमद ने राजनीति में पैर रखना शुरू किया, लेकिन हत्या, अपहरण, फिरौती के मामलों में मुकदमे दर मुकदमे दर्ज होते रहे, लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण वह बेखौफ घूमता रहा।