वारासिवनी न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चैतन्य अनुभव चौबे ने तेंदुए की खाल का अवैध रूप से परिवहन करने के दो आरोपियों को 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित कर सजा सुनाई है प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 फरवरी 2017 को जुर्म जरायम पतासाजी के दौरान मुखबिर ने सूचना दिया कि जनमखारी के रहने वाले अभियुक्त मनोज, हेमेन्द्र, जितेन्द्र डिस्कवर मोटर सायकिल क्रमांक एमपी 20 एमए 3408 से कटंगझरी तरफ से सांवगी तरफ एक प्लास्टिक की बोरी में भरकर तेंदुए की खाल लेकर आने वाले है। मुखबिर सूचना की तश्दीक हेतु घटना स्थल पर गये जहां कटंगझरी तरफ से एक मोटर सायकिल डिस्कवर क्रमांक एमपी 20 एमए 3408 आते दिखाई दी जिसे हमराह स्टाफ की मदद से रोका वाहन में तीन लोग बैठे हुए थे। जिनसे नाम पता पूछने पर गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति ने उसका नाम जितेन्द्र, एवं बीच में बैठे व्यक्ति मनोज एवं पीछे बैठे व्यक्ति ने उसका नाम हेमेन्द्र होना बताये थे। अभियुक्त हेमेन्द्र उसके हाथ में एक प्लास्टिक की बोरी को पकड़कर गोद में लिये हुए था जो अभियुक्त मनोज के शरीर पीठ से चिपका कर छुपा रहा था जो उक्त तीनों संदेहियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया कि आपके कब्जे में प्लास्टिक की थैली है उसमें तंेदुए की खाल ले जा रहे हो जिसके संबंध में तलाशी पंचनामा तैयार किया गया। अभियुक्त मनोज एवं हेमेन्द्र के कब्जे वाले प्लास्टिक की बोरी में एक तंेदुए की खाल(चमड़ा) कीमत करीब 5 लाख रुपये मिला एवं जितेन्द्र के कब्जे से बजाज डिस्कवर क्रमांक एमपी 20 एमए 3408 मिली। उक्त तीनों अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा तैयार किया गया। अभियुक्तगण के विरूद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद यह अपराध वारासिवनी न्यायालय में विचारधीन था जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चैतन्य अनुभव चौबे के द्वारा आरोपी जितेन्द्र पिता जयसिंह ठाकरे उम्र करीब 35 वर्ष निवासी इंदोरी थाना अरी हाल मुकाम बरघाट जिला सिवनी, हेमेन्द्र पिता रामकिशन पटले उम्र करीब 32 वर्ष निवासी ग्राम जनमखारी थाना बरघाट जिला सिवनी का अपराध सिद्ध होने पर उन्हें वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 39, 44 का उल्लंघन होकर धारा 51 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000-10000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड की राशि अदा न करने के व्यतिक्रम में अभियुक्तगण को 03-03 माह के सश्रम कारावास से दंडित किया जावेगा। इस प्रकरण में कपिल कुमार डहेरिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से पैरवी राजेश कायस्त सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वारासिवनी द्वारा की गई।