मानसून सीजन में डेंगू और फ्लू ही नहीं, आंखों में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। राजधानी समेत प्रदेश में आंखों का संक्रमण या कंजक्टिवाइटिस के मरीज आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह बेहद संक्रामक है। लोगों को बचने के लिए ठीक तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखने की जरुरत है। सरकारी और निजी, दोनों तरह के अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्स में आंख दिखाने आ रहे मरीजों की कतार लगी है। आंखें लाल होने से लेकर खुजली, पानी बहना और इरिटेशन जैसी समस्याएं हो रही हैं। कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने के पीछे बदला मौसम प्रमुख वजह है। डाक्टरों ने गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना भी जताई है। आमतौर पर कंजक्टिवाइटिस जैसा संक्रमण को ठीक होने में एक-दो हफ्ते लगते हैं।
आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके तहत अब विभाग ने लोगो को आखों के संक्रमण के लक्षण और बचाव की जानकारी दी है। एम्स भोपाल की एचओडी डा भावना शर्मा ने बताया की ओपीडी में संक्रमित की संख्या रोज बढ़ती जा रही है।
क्या है कंजक्टिवाइटिसकंजक्टिवाइटिस आंखों के संक्रमण की समस्या है। जिसे पिंक आइज की समस्या भी कहा जाता है। कंजंक्टिवा नाम की ट्रांसपैरेंट झिल्ली में इंफेक्शन या सूजन की समस्या है। एडेनोवायरस की वजह से यह इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है। ज्यादातर यह समस्या सामान्य इलाज से ही ठीक हो जाती है। इसके गंभीर होने का खतरा बहुत कम होता है। दरअसल, आंख सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग है, लिहाजा इसकी ज्यादा देखभाल करने की जरूरत रहती है। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस होने पर खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कंजक्टिवाइटिस में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत– प्रेग्नेंट महिला को भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं।- परिवार में किसी एक कोई समस्या हो तो उसे होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए।- कांटेक्ट लेंस का प्रयोग करने वाले संक्रमण होने पर तुरंत लेंस उतार दें।- डाक्टर की सलाह पर ही दवा, एंटीबायोटिक और कोल्ड कम्प्रेशन लें।