लालबर्रा मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों मेें गत दो दिवस से हो रही अनवरत बारिश से नदी-नाले उफान पर चल रहे है तो वहीं निचले स्तरों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई है जिससे जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। इसी तरह नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत मानपुर-बकोड़ा के बीच बालाघाट रोड़ स्थित पांगा तालाब दो दिनों से हो रही तेज बारिश में लबालब भर चुका है और क्षतिग्रस्त स्थान से तालाब की पार फुटने की कगार पर है और तेज बारिश होती है एवं पानी का दबाव अधिक बनता है तो पार फुट सकती है जिससे हजारों लीटर पानी के साथ ही मछलियां भी बह सकती है और अत्यधिक पानी बहने से बकोड़ा, बेलगांव के किसानों के सैकड़ों एकड़ खेती में लगी धान की फसल बर्बाद हो सकती है। ४ अगस्त को सुबह जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को जागरूक नागरिकों ने अवगत करवाया कि दो दिनों से हो रही बारिश से पांगा तालाब भर चुका है एवं क्षतिग्रस्त स्थान से पार फुट सकती है जिसके बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आये और जिस स्थान से पार फुटने की कगार पर थी उस स्थान पर मरम्मत कार्य करवाया गया है परन्तु यह मरम्मत कर भी गुणवत्तापूर्ण नही किया गया है सिर्फ खानापूर्ति करते हुए थूक पालिस की गई है, किसी भी समय पार क्षतिग्रस्त स्थान से फुट सकती है और हाईवे रोड़ के ऊपर से पानी बहते हुए किसानों के खेत होते हुए आगे निकलेगी एवं खेतों में लगी धान का रोपा भी खराब हो जायेगा जिससे किसानों को काफी नुकसान हो सकता है, अगर प्रशासन के द्वारा बरसात के पूर्व ही क्षतिग्रस्त पार का पक्का मरम्मत कार्य करवा दिया जाता तो यह समस्या उत्पन्न नही होती परन्तु प्रशासन की लापरवाही के कारण पांगा तालाब की पार फुटने की कगार पर है जिससे क्षेत्रीय किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
आपकों बता दें कि लालबर्रा-बालाघाट हाईवे मार्ग मानपुर के आगे पांगा तालाब स्थित है जहां बरसात के दिनों का पानी मोहगांव बोरी, मानपुर, बोरी तालाब में आता है एवं पिछले वर्ष बरसात के दिनों में तेज बारिश होने से पांगा तालाब की पार तीन स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गई गई थी और किसानों के खेतों में लगी धान की फसल खराब हो गई थी उसके बाद किसानों व राहगीरों ने जल संसाधन विभाग से पक्का मरम्मत कार्य करवाने की मांग की थी परन्तु प्रशासन के द्वारा खानापूर्ति करते हुए सिर्फ कच्चा मरम्मत कार्य करवाया गया था। जिसके कारण गत दो दिनों से हो रही तेज अनवरत बारिश के कारण तालाब लबालब भर चुका है और अब पार फुटने की कगार पर पहुंच चुकी है जो किसी भी समय फुट सकती है जिससे हजारों लीटर पानी के साथ ही मछलियां भी बह जायेगी एवं किसानों के खेतों में लगी धान का रोपा भी खराब हो सकता है जिससे किसानों को काफी नुकसान होगा, अगर प्रशासन के द्वारा समय पर क्षतिग्रस्त पार का पक्का मरम्मत कार्य करवा दिया जाता तो यह स्थिति निर्मित नही होती परन्तु जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण पार फुट जाती है जिससे सबसे अधिक किसानों को नुकसान होगा। राहगीर व किसानों ने जल संसाधन विभाग से पांगा तालाब की क्षतिग्रस्त पार का पक्का मरम्मत कार्य करवाने की मांग की है।