मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों के ऊपरी हवा के चक्रवात बन गए हैं। इससे मई माह की शुरूआत में प्रदेश में मानसून पूर्व की गतिविधियों की शुरूआत भी हो गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर बने वेदर सिस्टम के कारण अरब सागर से नमी आने लगी है। इस वजह से बादल छाने लगे हैं। हालांकि तापमान बढ़ा हुआ रहने और उसके मुकाबले वातावरण में आद्रता कम होंने के कारण धूल भरी तेज हवाएं ताे चल रही है, लेकिन बौछारें नहीं पड़ रही हैं। रविवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, शहडोल, सागर, हाेशंगाबाद संभाग के जिलों में भी गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी होंने की संभावना है। इस तरह की स्थिति अभी तीन-चार दिन तक बनी रह सकती है। बादल छाने के कारण शनिवार को राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 43 डिग्री सेल्सियस सीधी, दमोह, खजुराहों और उमरिया में दर्ज किया गया। कुछ जिलों में शनिवार रात को बौछारें भी पड़ीं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 39.9 डिग्रीसे. दर्ज किया गया। यह सामान्य से एक डिग्रीसे. कम रहा। साथ ही शुक्रवार के अधिकतम तापमान (41.3 डिग्रीसे.)
की तुलना में 1.4 डिग्रीसे. कम रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादल बने रहने और बूंदाबांदी की स्थिति बनने के कारण अभी अधिकतम तापमान में कमी आएगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में कुछ बढोतरी होगी।
ट्रफ, चक्रवात बनने से बदला मौसम का मिजाज
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम से लेकर पूर्वी मप्र तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस वजह से गुजरात और मप्र में अरब सागर से नमी आ रही है। दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र पर भी एक चक्रवात बना हुआ है। इस अतिरिक्त अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर अलग-अलग ट्रफ के रूप में पश्चिमी विक्षाेभ सक्रिय हैं। इस वजह से बादल छा रहे हैं। धूल भरी तेज हवाएं चल रही हैं और बूंदाबांदी हो रही है।