बिजय कुमार दिल्ली के शालीमार बाग में रहते हैं। उनका काम सब्जी बेचना है। वह अपने ठेले में आलू, प्याज, टमाटर तो रहता ही है। साथ ही मौसमी सब्जियां भी रहती है। इन दिनों उनके ठेले से टमाटर नदारद है। जब ग्राहक पूछते हैं कि टमाटर क्यों नहीं है तो उनका जवाब होता है, टमाटर इतना महंगा हो गया है कि उसे खरीदने की पूंजी ही नहीं है। जी हां, 10 दिन पहले टमाटर का जो क्रेट 400 से 500 रुपये में मिल जाता था, इन दिनों 2200 से 2400 रुपये में मिल रहा है। इसिलए इसे खरीदना ही छोड़ दिया है।
यह प्रकृति का चक्र है। भारत में सर्दियों के मौसम में टमाटर सस्ता होता है तो गर्मी के मौसम में महंगा। लेकिन इस गर्मी में तो टमाटर सारे रिकार्ड तोड़ रहा है। इस समय दिल्ली के थोक बाजार में बढ़िया टमाटर 130 रुपये किलो तो खुदरा बाजार में 150 से 200 रुपये किलो बिक रहा है। दिल्ली एनसीआर के कुछ पॉश इलाकों में तो इसे बेहतर तरीके से पैक करके 250 रुपये किलो भी बेचे जा रहे हैं। मुंबई में भी इसके भाव 200 रुपये किलो के आसपास ही चल रहे हैं। यही हालत देश के अन्य राज्यों का भी है।
टमाटर क्यों हुआ है महंगा
इन दिनों जो टमाटर महंगा हुआ है, उसके कई कारण हैं। अभी 10 दिन पहले ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिलचिलाती धूप और लू का प्रकोप चल रहा था। इसमें सैकड़ों लोग काल कलवित हो गए। जब लू में इंसाल झुलस कर मर रहे हैं तो टमाटर के पौधे की क्या बिसात। इससे टमाटर के पौधे झुलस गए और खेती तबाह हो गई। उधर गुजरात में चक्रवात तूफान की वजह से जो बारिश हुई, उसमें टमाटर की खेती तबाह हुई। राजस्थान के कई इलाकों में भी हाल के दिनों में हुई जबरदस्त बारिश हुई है। इससे भी टमाटर की फसल चौपट हुई है। इससे खुदरा बाजार में एक किलो टमाटर का दाम चढ़ कर 200 रुपये के करीब चला गया है।