नगर के वार्ड नंबर 1 शंकर नगर स्थित तक्षशिला वाचनालय में 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर तथागत गौतम बुद्ध भगवान का उत्सव दी बुध्दिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया वारासिवनी, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति वारासिवनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। जिसमें उपस्थित जनों के द्वारा सर्वप्रथम भगवान तथागत गौतम बुद्ध एवं डॉ बी आर अंबेडकर के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रचलित कार्यालय अर्पण किया गया। तत्पश्चात सभी बौध्द अनुयायियों ने विश्व को शांति, करुणा एवं प्रेम का संदेश देने वाले तथागत बुध्द के जन्म, ज्ञान एवं महापरिनिर्वाण का पर्व त्रिगुणी पूर्णिमा के रुप में हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शीलग्रहण एवं धम्मआचरण परिचर्चा सभी बौध्द परिवारों हेतु सुबह 8 से 9 बजे तक पूज्य भंते भदंत धम्मशिखर, भंते दिट्ठीविशुध्दी एवं भंते उत्तमो मग्गो के मार्गदर्शन में किया गया। जिसके बाद उच्च अध्ययन हेतु कैरियर काउंसलिंग 10 वी से ग्रेजुएशन तक के मानविकी, विज्ञान, लॉ, मानवधिकार, संविधान उद्यमिता क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए सुबह 9 से 10 बजे तक न्यायाधीश जागृति एस. चन्द्रीकापुरे एवं दीपक डेहरिया की उपस्थिति में कर स्पेशल मोटिवेशनल सेशन सभी कक्षाओं के विद्यार्थीयों के लिए सचीन बौध्द, आयु. मुकेश पटले के द्वारा दिया गया। जिसके बाद शाम 5 बजे से सभी बुध्दविहार भ्रमण किया गया। पद्मेश से चर्चा में उत्तम दास मेश्राम ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा का महापर्व आयोजित किया गया था जिसमें भगवान तथागत गौतम बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालकर छात्र-छात्राओं एवं समाज के लोगों को विस्तार पूर्वक बताया गया वही सभी को अभिप्रेरित किया गया कि वह अपने बालक बालिकाओं को उच्च शिक्षा की ओर लेकर जाएं और बालक बालिका भी मन लगाकर शिक्षा अर्जन करें जिसके लिए विभिन्न आयोजन किये गये वहीं पूज्य भंते के द्वारा धर्म के बारे में उपदेश दिया गया। इस अवसर पर दी बुध्दिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति के पदाधिकारी सदस्य सहित बौद्ध उपासक उपासिका मौजूद रहे।