सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को खाद्यान्न लेने के लिए अब चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रदेश में थंब इंप्रेशन नहीं मिलने के कारण लाखों हितग्राहियों को खाद्यान्न से वंचित कर दिया जाता था। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 70000 हितग्राही के थम्ब इंप्रेशन नहीं मिलने से नाम अलग कर दिए गए थे।
सरकार ने अब इस की वैकल्पिक व्यवस्था की है। बुजुर्गों के थंब इंप्रेशन घिस जाने के कारण उनका मिलान नहीं हो पाता था। सरकार ने आइरिस स्कैनर की व्यवस्था की है। 5 जिलों को यह स्कैनर दिए जा चुके हैं। सभी जिलों को यह स्केनर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।इसके साथ ही खाद्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि वह आधार या मोबाइल नंबर से हितग्राही की पहचान कर उन्हें खाद्यान्न आवंटित करें।