लाेक निर्माण विभाग( पीडब्ल्यूडी) के प्रभारी एसडीओ रविंद्र सिंह कुशवाह के यहां बीते राेज ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा। रविंद्र सिंह कुशवाह की 10 साल तक शहर के वीआइपी आवासीय क्षेत्र गांधी रोड़ क्षेत्र में ड्यूटी थी। इसी दौरान उसने अफसरों से मेलजोल बढ़ाया और डेढ़ साल पहले उसने पीडब्ल्यूडी के एसडीओ को प्रभार हासिल कर लिया। ग्वालियर जिले में रविंद्र को पंद्रह साल से ज्यादा का समय हो गया है। अपने मेलजोल की दम पर वह कहीं स्थानांतरित नहीं हुआ।
रविंद्र सिंह कुशवाह ने जीवाजी विश्वविद्यालय में भवन समिति का सदस्य होने के नाते पिछले सात साल में करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य कराए हैं। वर्ष 2019 में जेयू में उसे विधिवत उपयंत्री के पद पर नियुक्त कर दी गई थी। उल्लेखनीय है कि पिछले सालों में जेयू में बनाए गए मल्टीआर्ट काम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, लैब, फार्मेसी, प्रबंधन विभाग का भवन सहित अन्य निर्माण कार्य में अनियमितताओं का आरोप है। जिसकी शिकायत ईओडब्ल्यू के पास थी। शिकायत में अनियमितता में जो लोग संलिप्त थे, उनकी संपत्तियों की जानकारी ईओडब्ल्यू को दी गई थी।
बेहिसाब संपत्ति बनाने वाला रविंद्र कुशवाह कर्मचारी नेता भी हैः मूलत: लहार (जिला भिंड) के पास एक गांव के निवासी रविंद्र ने वर्ष 1986 में इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया और 1987 में पीडब्ल्यूडी में भर्ती हुआ। 35 साल की नौकरी में ईओडब्ल्यू के अनुसार 90 लाख रुपये मिले। इस हिसाब से उनके पास 60 लाख रुपये की संपत्ति होना चाहिए थी, पर टीम को करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज, नगदी व गहने मिले हैं।
कराेड़ाें का आसामी निकला प्रभारी एचडीओः लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के प्रभारी एसडीओ रविंद्र कुशवाह के डीबी सिटी स्थित घर सहित दो ठिकानों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की टीम ने शुक्रवार को छापा मारा। हालांकि दूसरे ठिकाने पर ताला मिला। सुबह पांच से अपरान्ह चार बजे तक चली कार्रवाई में करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। साढ़े तीन लाख रुपये नगद, 250 ग्राम सोना व एक किलो से अधिक चांदी के आभूषण मिले। इसके अलावा एलआइसी में निवेश, बैंक लाकर, चार बैंकों में खाते की जानकारी भी मिली है। बैंक लाकर और बैंक खातों से भी जानकारी एकत्रित की जाएगी। ईओडब्ल्यू को रविंद्र कुशवाह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति एकत्रित करने की गोपनीय शिकायत मिली थी। प्रारंभिक जांच में प्रमाण मिलने पर केस दर्ज किया गया और इसकी जांच की गई तो आय से अधिक संपत्ति के सबूत टीम के हाथ लगे। इसके आधार पर केस दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त किया गया। दो टीमों ने दो स्थानों पर छापा मारा। नाका चंद्रवदनी पर पारस विहार कॉलोनी में स्थित तीन मंजिला भवन पर ताला मिला।
करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले
-डबरा में साढ़े छह बीघा जमीन, गणेश कालोनी में दो मकान और बालाजी काम्प्लेक्स में दुकान के दस्तावेज मिले।
-बिलौआ में 50 बीघा जमीन खरीदने व बेचने के दस्तावेज मिले।
-ग्वालियर में डीबी सिटी में 1800 वर्ग फीट का मकान।
-ग्वालियर में पीएचई कालोनी में प्लाट, पारस विहार कालोनी में तीन मंजिला मकान, गुड़़ी गुड़ा का नाका पर प्लाट, बसंत कुंज में दो फ्लैट का अनुबंध मिला।
-भोपाल में एक फ्लैट के दस्तावेज।
-पीएनबी, एसबीआइ, ओरिएंटल बैंक में चार खाते, पीएनबी बैंक में लाकर के दस्तावेज।
-दो एक्टिवा, एक हुंडई की कार, एक बाइक, दो सोलर पैनल, छह एसी भी मिले।