बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।दावते इस्लामी इंडिया सुन्नी मुस्लिम सामाजिक संगठन का एक दिवसीय समागम शहर के अंजुमन शादी हाल में 23 फरवरी को हुआ। जहां पर सामाजिक परिवेश में शिक्षा के महत्व तथा नशे के दुष्प्रभाव के साथ ही नमाज, वजु एवं इस्लाम धर्म की खूबियों को लेकर विस्तृत बयान किया गया और प्रायोगिक तौर पर इसे करके दिखाया गया। इस इज्तीमे में बड़ी संख्या में समाज के पुरूष वर्ग ने सहभागिता दर्ज कराई। रविवार सुबह 11 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम रात्रि करीब 10 बजे संपन्न हुआ
देश के विभिन्न स्थानों से पहुचे विद्वान
अंजुमन शादी हाल में प्रात: 11 बजे से इज्तिमे का प्रारंभ किया गया जहां पर पवित्र कुरआन की आयतें पढ़ी गई और नातिया कलाम सुनाये गये। जिसके उपरांत देश के विभिन्न स्थानों से पहुंचे विद्वानों ने बयान करते हुए जीवन जीने के विभिन्न पहलूओं को लेकर बयान किया।जिसमें बताया गया कि आज के दौर में शिक्षा का कितना महत्व है एक शिक्षित समाज तरक्की करता है और अशिक्षा अंधकार की ओर ले जाती है।
नशे से दूर रहने की दी गई समझाईश
इसके साथ ही बयान में नशे को सामाजिक बुराई बताते हुए इससे दूर रहने की नसीहत दी गई। जिसमें कहा गया कि नशा ना सिर्फ परिवार बल्कि समाज का भी नुकसान करता है, नशे की वजह से कई ऐसे गुनाह हो जाते है जो कानूनी तौर पर भी गलत है और सामाजिक तौर पर भी इससे परिवार बिखर जाता है और रिश्तों में कलह हो जाती है इसलिए नशे से जितना दूर रहे उतना अच्छा है यह पैगाम दिया गया।
नमाज, वजू और गुस्ल का सिखाया गया तरीका
दावते इस्लामी इंडिया के इस इज्तिमे में नमाज के अरकान बताये गये और किस तरह से नमाज पढ़ी जाये इसके बारे में प्रयोगिक तरीके से समझाया गया। साथ ही वजू और गुस्ल का तरीका भी बताया गया इसके अलावा इस्लामी रीति के तहत किसी मुर्दे को किस प्रकार कफन-दफन किया जाता है इसके बारे में भी जानकारी दी गई। आयोजित इज्तिमे के तहत विद्वानों ने प्रेम-भाईचारे और अम्न का संदेश देते हुए सभी को मिल-जुलकर रहने और नेक काम करने की नसीहत दी। आयोजन को लेकर आगंतुकों के लिये भोजन-पेयजल का व्यापक प्रबंध किया गया था जहां पहुंचकर लोगों ने अच्छी सीख ली और इसे अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। रात करीब 10 बजे तक इज्तिमा जारी रहा और अंत में मुल्क की तरक्की और सौहार्द के लिये दुवाएं की गई।