किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। इस बीच इस हिंसा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं, इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को पत्रकार वार्ता की। इसमें दिल्ली पुलिस कमिश्वर एसएन श्रीवास्तव हिंसा को लेकर कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया, हिंसा में 394 पुलिस कर्मियों को चोटें लगीं (26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान) और उनमें से कई अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। उनमें से कुछ आईसीयू वार्डों में भर्ती हैं। 25 से अधिक आपराधिक मामले दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए हैं। हम चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं और आरोपी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद ले रहे हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। दिल्ली पुलिस की एफआइआर के हिसाब से 37 किसान नेता इस हिंसा के लिए जिम्मेदार रहे। इनमें मेधा पाटकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव शामिल हैं। एफआइआर के मुताबिक इन्हें ही जिम्मेदार माना गया है। किसान ट्रैक्टर रैली के बाद दिल्ली में भड़की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस लगातार छानबीन कर रही है। इस हिंसा के लिए दोषी लोगों को खोजा जा रहा है। एफआइआर में यह भी कहा गया है कि किसानों के साथ हुई वार्ता के बाद जो समय और रूट तय किया गया था उसके हिसाब ये यह लोग नहीं चले रहे थे। यह सिर्फ रिपब्लिक डे की परेड में रुकावट डालने के लिए किया गया था।