दूसरी लहर में इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ा, लेकिन पहली लहर के मुकाबले नुकसान कम होने की संभावना

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रिजर्व बैंक यानी RBI ने गुरुवार को सालाना रिपोर्ट पेश कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश की इकोनॉमी पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में कम नुकसान होने की संभावना है। हालांकि, यह संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने में लगने वाले समय पर भी निर्भर करता है।

दूसरी लहर में इकोनॉमिकल्स एक्टिविटी चालू रही
RBI ने कहा कि महामारी की वापसी के दौरान इकोनॉमी में सुधार के लिए कई अच्छी बातें रहीं। मार्च तक अलग-अलग सेक्टर्स की एक्टिवटी चालू रही। खासकर हाउसिंग, रोड कंस्ट्रक्शन, निर्माण कार्यों में सर्विस एक्टिवटी, माल ढुलाई और तकनीकि चालू रहीं।

कोरोना से इकोनॉमी में रिकवरी के लिए प्राइवेट डिमांड पर निर्भरता ज्यादा रहेगी। इसमें शॉर्ट-रन में खपत अहम भूमिका में होगी। साथ ही आर्थिक सुधार पटरी पर लाने के लिए निवेश को बढ़ाने की आवश्कता होगी।रिजर्व बैंक ने कहा कि भारतीय बैंकों के पास बड़े प्रेशर की स्थिति के लिए भी पर्याप्त फंड है। साथ ही बैलेंसशीट में दबाव को संभालने के लिए बैंकों की दशा पहले से सुधरी है।

इकोनॉमी में सुधार की संभावना
RBI की सालाना रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अलग-अलग सेक्टर्स में सुधार उपायों से भारत की ग्रोथ क्षमता में स्थायी आधार पर सुधार होने की संभावना है। खास तौर पर शेयर बाजार उस भयानक दौर से काफी हद तक उबर चुका है, जब पिछले साल मार्च कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया था।

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