दृश्यम फिल्म की तर्ज पर बच्चा रटे हुए बयान देता रहा, एएसपी-डीएसपी को तीन घंटे करता रहा गुमराह

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17 वर्षीय यशवंत उर्फ यश पिंडोरिया की मौत खुदकुशी थी यह स्पष्ट हो गया है। पुलिस ने कंपेल के सूरज से उस पिस्टल को भी जब्त कर लिया जिससे यश ने गोली मारी थी। यश की मौत का राज छुपाने के लिए उसके पिता डॉक्टर जितेंद्र, दादा डॉक्टर एमएल पिंडोरिया और रिश्तेदारों ने बच्चों को भी झूठ बोलना सिखा दिया था।

खुड़ैल थाना टीआइ महेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक देर रात पुलिस ने यश के स्वजनों से पूछताछ की तो गुमराह करते हुए कहा उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हुुई है। डॉ. जितेंद्र ने कहा कि 14 साल के बेटे (यश के भाई) नंदन उर्फ राज ने उसे फॉर्म हाउस (शारदा क्लिनीक) पर बेसुध अवस्था में देखा था। पुलिस ने देर रात राज को कंपेल चौकी बुलाया तो कहा भैया (यश) की दिल का दौरा पड़ने से ही मौत हुई है। मैं जब फॉर्म हाउस गया तो भैया लेटा हुआ था। वहां पर खून भी नहीं था। मुझे लगा वह सो रहा है। गुदगुदी की तब भी कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद मैंने चौकीदार मुकेश को बुलाया।

थोड़ी देर बाद दादा मांगीलाल, मां कांता और बहन मुस्कान भी आ गई। इसके बाद रिश्तेदार, ग्रामीण आ गए और श्मशान ले जाकर दाह संस्कार कर दिया। एएसपी (ग्रामीण) पुनित गेहलोद और डीएसपी (मुख्यालय) अजय वाजपेयी ने बात की लेकिन राज चार घंटे तक रटे रटाए बयान देता रहा। करीब चार बजे पुलिस ने मनोवेज्ञानिक तरीके से बात की तोे राज टूट गया और कहा भैया ने आत्महत्या की है। जिस पिस्टल से गोली मारी वह चाचा सुमित के दोस्त सूरज के पास रखी है। पुलिस ने सूरज के घर छापा मारकर पिस्टल जब्त कर ली। टीआइ के मुताबिक आरोपितों ने साक्ष्य छुपाए हैं। उनके विरुद्ध इश्तागासा पेश होगा। शव यात्रा में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका की जांच की जाएगी।

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