देखरेख के अभाव में ८० लाख रूपये की लागत से बना ग्रामीण खेल स्टेडियम हो रहा जीर्णशीर्ण, जिम्मेदार मौन

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खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिये शासन-प्रशासन के द्वारा लाखों रूपये खर्च कर विकासखंड मुख्यालय में खेल मैदान व स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है ताकि खेलकूद प्रतियोगिताओं में रूचि रखने वाले बच्चे एवं युवा खिलाड़ी विभिन्न खेलों की प्रेक्टिस कर अपनी प्रतिभाओं को निखार सके। इसी मंशा से नगर मुख्यालय से करीब ३ किमी. दूर ग्राम पंचायत पनबिहरी में ८० लाख रूपये की लागत से ४ वर्ष पूर्व कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालाघाट निर्माण एजेंसी के द्वारा ग्रामीण खेल स्टेडियम का निर्माण किया गया है परन्तु देखरेख के अभाव में स्टेडियम जीर्णशीर्ण होने लगा है एवं दूर स्थित एवं एकांत में होने के कारण कोई खिलाड़ी खेलने भी नही जा रहे है जिससे लाखों रूपयों की लागत से बना खेला स्टेडियम वीरान पड़ा होने के कारण औचित्यहीन साबित हो रहा है। ग्रामीण खेल स्टेडियम का निर्माण होने के बाद से खिलाडिय़ों ने उपयोग तक नही किया है जिसका मुख्य कारण यहां है कि मुख्यालय से तीन किमी. दूर ग्राम पंचायत पनबिहरी के आगे एकांत स्थान पर निर्माण किया गया है। अगर यह ग्रामीण खेल स्टेडियम नगर मुख्यालय में निर्माण किया जाता तो खिलाडिय़ों को उसका लाभ मिलता परन्तु अब खेल स्टेडियम के अभाव में खिलाडिय़ों का खेल के प्रति रूची कम होते नजर आ रहा है। नगर के युवा खिलाडिय़ों ने नगर मुख्यालय में युवा खिलाडिय़ों के लिए सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम का निर्माण करवाये जाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

देख-रेख के अभाव में स्टेडियम का खस्ताहाल

आपकों बता दे कि नगर मुख्यालय से करीब ३ किमी. दूर ८० लाख रूपये की लागत से निर्मित ग्रामीण खेल स्टेडियम बनने के बाद क्षेत्र के युवा खिलाडिय़ों को पूरी उम्मीद थी कि उन्हे बड़े शहरों की तर्ज पर वे सारी सुविधाएं, खेल सामग्री व व्यवस्था मिलेगी जिससे वे अपने खेल को ऊंचाई तक पहुंचा पायेगें परन्तु पिछले ४ वर्ष से शासन-प्रशासन के द्वारा ग्रामीण खेल स्टेडियम की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिसके चलते स्टेडियम की टाईल्स उखडऩे के साथ ही मैदान परिसर व बैठने के लिए बनाये गये सीढी के समीप २-३ फीट झाडिय़ां उग चुकी है एवं देखरेख के अभाव में लाखों रूपयों की लागत से बना स्टेडियम का खस्ताहाल हो रहा है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि शासन की राशियों का स्टेडियम बनाकर दुरूपयोग किया गया है। चर्चा में खिलाडिय़ों ने बताया कि नगर मुख्यालय का एकमात्र खेल मैदान हाईस्कूल ग्राउंड है जहां पर सभी खिलाड़ी व्हालीवाल, क्रिकेट, कबड्डी सहित अन्य खेलों की बमुश्किल प्रेक्टिस कर पाते है एवं बरसात के दिनों में प्रेक्टिस करने में खिलाडिय़ों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है परन्तु सडक़ का निर्माण व्हालीवाल मैदान तक किया जा रहा है जिसके कारण अब व्हॉलीवाल खेलने के लिए मैदान की कमी होगी। साथ ही यह भी बताया कि खिलाडिय़ों की सुविधा के लिये नगर मुख्यालय से करीब ३ किमी. दूर ग्राम पनबिहरी में ८० लाख रूपये की लागत से बनाये गये स्टेडियम में किसी प्रकार की सुविधायें नही है एवं देखरेख के अभाव में खेल मैदान में दो-तीन फीट ्रऊंची घास उग गई है, खिलाडिय़ों के लिए कमरे बनाये गये है उसमें कचरा एकत्रित हो गया है एवं टाईल्स उखडऩे लगा है, दरवाजे-खिडक़ी क्षतिग्रस्त होने लगी है एवं निर्माण के बाद से खिलाडिय़ों ने उपयोग तक नही किये है जिससे ऐसा लगता है कि शासन के लाखों रूपये व्यर्थ में खर्च किया गया है अगर यह स्टेडियम नगर मुख्यालय में बनाया जाता तो खिलाडिय़ों को उसका अ’छा लाभ मिलता।

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